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लाल बत्ती पर अब CM-मंत्री को भी रुकना होगा, नहीं मिलेगा VVIP ट्रीटमेंट

Rajasthan News: सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा, इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वीआईपी ट्रीटमेंट से पहले कई बार रास्ते बंद कर दिए जाते थे, जिससे भीषण ट्रैफिक जाम लग जाता था।

Krishna Chaudhary
Published on: 22 Feb 2024 4:10 PM GMT
Rajasthan News
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Social Media)

Rajasthan News: जब भी कोई बड़ा नेता कहीं से गुजरने वाला होता है, तो पुलिस उस रास्ते पर अन्य वाहनों की आवाजाही रोक देती है। उनके काफिले के गुजरने के बाद ही रास्ते को खोला जाता है। तर्क दिया जाता है कि ऐसा वीवीआईपी लोगों के महत्वपूर्ण समय को बचाने के लिए किया जाता है। साफ है इस तर्क को गढ़ने के दौरान आम आदमी के समय की महत्व को पूरी तरह से दरकिनार किया गया है।

राजस्थान CM का DGP को निर्देश

यही वजह है कि नेताओं को मिलने वाले इसे VVIP ट्रीटमेंट की आलोचना होती रही है। राजस्थान सरकार की ओर से इस दिशा में प्रशंसनीय कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) ने डीजीपी को निर्देश दिया है कि, 'आमजन को ध्यान में रखते हुए किसी भी वीवीआईपी के आने से पहले रास्ता बंद करने के वाले कल्चर पर विराम लगाया जाए। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री तक सभी को लाल बत्ती जलने पर इंतजार करना होगा'।

बुधवार को लाल बत्ती पर रुका CM का काफिला

सीएम भजनलाल शर्मा ने आगे कहा, इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि वीआईपी ट्रीटमेंट से पहले कई बार रास्ते बंद कर दिए जाते थे, जिससे भीषण ट्रैफिक जाम लग जाता था। इससे आमजन को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। इससे जरूरी सेवाओं के वाहन भी प्रभावित होते थे। उन्होंने खुद इस फैसले पर अमल भी किया। बुधवार को बाड़मेर से जयपुर लौटने के बाद एयरपोर्ट से अपने आवास के सफर के दौरान रेड लाइट पर रुकते हुए पहुंचे। राजस्थान सीएम के इस फैसले की काफी तारीफ हो रही है।

लाल बत्ती और हूटर पर लग चुका है बैन

एक समय सड़कों पर लाल बत्ती के साथ हूटर बजाने वाले वाहन अक्सर देखे जाते थे। एक पार्षद भी अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर घूमते-फिरते थे। इसमें कोई शक नहीं कि इसके प्रयोग के पीछे की मंशा समाज में अपना रसूख और ताकत दिखाने की होती थी। मोदी सरकार ने अप्रैल 2017 में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए इस वीवीआईपी कल्चर को एकदम से खत्म कर दिया। एक मई 2017 से देशभर में किसी भी गाड़ी पर लाल या नीली बत्ती लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस नियम से किसी को भी छूट नहीं दी गई, यहां तक की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी नहीं। केवल एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियों को ही नीली बत्ती का इस्तेमाल करने की छूट दी गई। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं ये फैसला लिया था।

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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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