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सज-धज कर दुल्हन लाने को सलमान था तैयार, पुराने नोट देख गाड़ी लेकर ड्राइवर हुआ फरार
शादी वाले परिवार को ढाई लाख रुपए देने वाले केंद्र सरकार के स्पष्ट आदेश के बावजूद बैंको की मनमानी जारी है। जिसका शिकार हुआ है बाराबंकी में एक दूल्हा। घरवालों ने दूल्हे की शादी के लिए किराए की एक गाड़ी काफी पहले से बुक कर रखी थी। शादी के दिन (शनिवार) दुल्हन को लाने के लिए दूल्हे के लिए गाड़ी आई भी मगर दूल्हा उस पर चढ़ न सका और गाड़ी वापस चली गई।
अपने पिता के साथ हाथों में लगी मेंहदी दिखाता सलमान (बाएं), शादी का कार्ड (दाएं)
बाराबंकी: शादी वाले परिवार को ढाई लाख रुपए देने वाले केंद्र सरकार के स्पष्ट आदेश के बावजूद बैंको की मनमानी जारी है। जिसका शिकार हुआ है बाराबंकी में एक दूल्हा। घरवालों ने दूल्हे की शादी के लिए किराए की एक गाड़ी काफी पहले से बुक कर रखी थी।
शादी के दिन (शनिवार) दुल्हन को लाने के लिए दूल्हे के लिए गाड़ी आई भी मगर दूल्हा उस पर चढ़ न सका और गाड़ी वापस चली गई। इसका कारण यह था कि दूल्हे के पिता ने गाड़ी वाले को 1000 रुपए की पुरानी नोट दिखा दी। नोट देखते ही ड्राइवर गाड़ी लेकर रफू चक्कर हो गया।
क्या है मामला ?
-मामला बाराबंकी के थाना मसौली इलाके के बड़ागांव का है।
-जहां के रहने वाले वसीम खान ने अपने बेटे मोहम्मद सलमान की शादी कुछ महीने पहले तय की थी।
-शनिवार को सलमान की शादी के लिए बारात जानी थी।
-वसीम ने अपने बेटे को सजाधजा कर तैयार करवाया।
-जिस गाड़ी से दूल्हे को अपनी दुल्हन लेने जाना था, वह गाड़ी आई।
-पुराने 1000 के नोट देखते ही गाड़ी का ड्राइवर वापस चला गया और दूल्हा सलमान तैयार खड़ा देखता रह गया।
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क्या कहना है दूल्हे के पिता का ?
-दूल्हे सलमान के पिता वसीम ने बताया कि गाड़ी आने पर उसके ड्राइवर ने पैसे मांगे।
-इस पर जो उनके पास रकम थी वह पुरानी 1000 रुपए की नोट थी।
-जिसे वह गाड़ी के ड्राइवर को देने लगे मगर ड्राइवर ने उसे लेने से इंकार कर दिया।
-वसीम ने ड्राइवर से काफी मिन्नतें भी की।
-मगर ड्राइवर यह कहते हुए वापस चला गया कि अगर नई नोट नहीं है तो गाड़ी नहीं जा पाएगी।
बैंकों की मनमानी
-वसीम ने बताया कि यह सब बैंको की मनमानी के कारण हुआ है क्योंकि उन्हें समय रहते बैंक से रुपए नहीं मिल पाए।
-वसीम ने बताया कि उनके घर में एक नहीं, बल्कि दो शादियां है।
-बेटे की बारात शनिवार को जानी थी। वहीं, बेटी की शादी रविवार को है।
-इस वजह से परेशानी और बढ़ गई है।
घर में फैली निराशा
-अचानक गाड़ी वापस चली जाने से वसीम के घर में निराशा फैल गई।
-हालांकि वसीम की परेशानी देखते हुए ग्रामीण और पड़ोसी परिवार को ढांढस बंधाते हुए कोई न कोई व्यवस्था हो जाने की बात कह रहे हैं।
अगली स्लाइड में पढ़ें क्या कहना है बैंक का ?
क्या कहना है ब्रांच मैनेजर का ?
पैसे न देने के कारण के बारे में मसौली इलाके के यूनियन बैंक के ब्रांच मैनेजर प्रबंधक एच. के. पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार के ढाई लाख रुपये दिए जाने के आदेश की लिखित रूप से जानकारी नहीं है। जिस कारण दिक्कत आ रही है।