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Shooting World Cup: शूटिंग विश्व कप में मैराज खान ने रचा इतिहास, स्कीट शूटिंग में जीता स्वर्ण पदक

अनुभवी भारतीय निशानेबाज मैराज अहमद खान ने आईएसएसएफ विश्व कप (IFFS World Cup) में स्वर्ण पदक जीता हैं। मैराज स्कीट शूटिंग में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बने।

Aakash Mishra
Written By Aakash Mishra
Published on: 19 July 2022 11:49 AM IST
Shooting World Cup: शूटिंग विश्व कप में मैराज खान ने रचा इतिहास, स्कीट शूटिंग में जीता स्वर्ण पदक
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Mairaj Ahmad Khan (In the middle) (Image credit: Twitter)

Shooting World Cup: दो बार के ओलंपियन भारतीय निशानेबाज मैराज अहमद खान (Mairaj Ahmed Khan) ने आईएसएसएफ विश्व कप (ISSF World Cup) में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने भारत की तरफ से पुरूषों की स्कीट स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक जीता हैं। 46 वर्षीय मैराज ने 40 शॉट के फाइनल में 37 स्कोर किया। इस अनुभवी भारतीय शूटर ने कोरिया के मिंसु किम (36) और ब्रिटेन के बेन लीवेलिन (26) को पीछे छोड़कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।

यूपी के बुलंदशहर के रहने मैराज, इस बार चांगवन में भारतीय दल के सबसे उम्रदराज सदस्य हैं। वह पिछले 15 साल से शूटिंग में भारत का भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने भारत के लिए कई पदक जीता हैं। उन्होंने 2016 में रियो दि जिनेरियो विश्व कप में रजत पदक जीता था।

इससे पहले महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन टीम स्पर्धा में अंजुम मोद्गिल, आशी चौकसी और सिफ्ट कौर सामरा ने कांस्य पदक जीता। कांस्य पदक के मुकाबले में उन्होंने आस्ट्रिया की शैलीन वाइबेल, एन उंगेरांक और रेबेका कोएक को 16-6 से हराया। भारत पांच स्वर्ण, पांच रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर अभी भी पदक तालिका में शीर्ष पर बरकरार है।

दो बार खेल चुके हैं ओलंपिक

मैराज ने 2015 में स्कीट शूटिंग में क्वालिफाई किया था, इसी के साथ वह रिओ ओलंपिक में क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय बने थे। रिओ ओलंपिक में भी उनका खेल बढ़िया रहा था, वह बस एक अंक से फाइनल में जाने से चुक गए थे। वहीं उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में अंगद बाजवा को हराकर टोकियो ओलंपिक में स्थान पक्का किया था।

क्या है स्कीट शूटिंग

स्कीट शूटिंग में निशानेबाज शॉटगन का उपयोग करते हैं। इस शॉटगन प्रयोग से ट्रैप्स के जरिए हवा में फेंके गए मिट्टी के लक्ष्यों पर निशाना साधना होता है। स्कीट में मैदान पर दो बिंदुओं पर ट्रैप लगाए जाते हैं और लक्ष्य को निशानेबाज के दृष्टि क्षेत्र की तिरछी दिशा के साथ-साथ सीधे उससे दूर फेंका जा सकता है। यह खेल ट्रैपशूटिंग से अलग है लेकिन उसी का एक हिस्सा है।

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