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'मामा' के राज में ये क्या? दलित दूल्हा न कर सका दर्शन, दबंगों ने मंदिर में लगाया ताला, बताई ये वजह

Madhya Pradesh News : दूल्हा मंदिर में प्रवेश न कर पाए इसलिए दबंगों ने मंदिर के गेट में ताला जड़ दिया। ये घटना उस दूल्हे के साथ घटी जो खुद पुलिसकर्मी (Policeman) है।

aman
Written By aman
Published on: 18 April 2022 5:21 PM IST
dalit groom stop entry in temple by dabangs in ujjain madhya pradesh
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दलित दूल्हा (प्रतीकात्मक चित्र) 

Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन जिले (Ujjain District) से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां जाति बंधन इतना सख्त दिखा कि अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) के दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया। दूल्हा मंदिर में प्रवेश न कर पाए इसलिए दबंगों ने मंदिर के गेट में ताला जड़ दिया। ये घटना उस दूल्हे के साथ घटी जो खुद पुलिसकर्मी (Policeman) है। ये आरोप अनुसूचित जाति वर्ग के एक संगठन ने आज, 18 अप्रैल को लगाया है।

क्या है मामला?

इस घटना के बारे में अखिल भारतीय बलाई महासंघ (All India Balai Samaj Federation) के अध्यक्ष मनोज परमार ने बताया, कि यह मामला उज्जैन के भाट पचलाना क्षेत्र के बर्दिया गांव की है। पुलिस कांस्टेबल (Police Constable) मेहरबान परमार अपनी बारात के दौरान रविवार रात राम मंदिर (Ram Mandir) दर्शन करने गया था। मगर, जातिगत भेदभाव की वजह से कुछ दबंग लोगों ने मंदिर के दरवाजे पर ताला जड़ दिया। उनका मकसद, ये था कि दलित समुदाय का दूल्हा मंदिर में प्रवेश न कर सके। परमार ने बताया कि बर्दिया गांव की आबादी करीब 5,000 है। जिस मंदिर में यह घटना हुई वह सार्वजनिक है।

पुलिस को क्या बताया?

दूसरी तरफ, भाट पचलाना थाने के प्रभारी संजय वर्मा ने मीडिया को बताया, कि गांव के राजपूत समुदाय के लोगों ने पुलिस के सामने कुछ दस्तावेज पेश किए ,जिसमें उन्होंने दावा किया, कि संबंधित राम मंदिर उन्होंने बनवाया है। यह समुदाय अपने खर्च पर पिछले कई साल से मंदिर का रखरखाव आदि करता रहा है। उन्होंने आगे कहा, कि हमें बताया गया है कि मंदिर के पुजारी के परिवार में किसी व्यक्ति का देहांत हो गया है। सूतक (परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर तय अवधि के दौरान पूजा-पाठ से दूर रहने की हिंदू मान्यता) की वजह से मंदिर बंद है।'

मंदिर सार्वजनिक है या नहीं?

थाना प्रभारी कहते हैं, बताया कि उन्होंने प्रशासन से यह तय करने का अनुरोध किया है कि संबंधित राम मंदिर सार्वजनिक है या नहीं? साथ ही, उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन के फैसले के बाद पुलिस उचित कदम उठाएगी।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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