Y -Factor | Trump ने क्यों कहा था India को सबसे पुरानी Democracy, भारतीय सविंधान के रहस्य! | Ep 128
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जानें गणतंत्र के कुछ रोचक सत्य, भारतीयता के मूल में है गणतंत्र
भारत राज्यों का एक संघ है। यह संसदीय प्रणाली की सरकार वाला गणराज्य है। यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है । जिसे संविधान सभा ने 26 नवंबर ,1949 को ग्रहण किया था। जो 26 जनवरी , 1950 से प्रभाव में आया। हालाँकि संविधान सभा के लिए जुलाई, 1946 में चुनाव हुए थे।
भारतीय संविधान विश्व में सर्वोत्तम, सिर्फ एक पुस्तक ने देश को जोड़े रखा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि, भारतीय संविधान विश्व में सर्वोत्तम है। यही एक पुस्तक ने पूरे देश को एक धागे में पिरो कर रखा है। भारतवर्ष में इतनी विभिन्नता के बावजूद संविधान ने हमे एक बनाए रखा है।
भारतीय संविधान के 70 वर्ष
26 नवम्बर, 1949 वो ऐतिहासिक तारीख है, जब स्वतंत्रता के पश्चात् भारत ने अपने संविधान को अंगीकृत किया था। आज, स्वतंत्र भारत के भविष्य का आधार बनने वाली इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना की 71वीं वर्षगाँठ है।
राष्ट्रजीवन की गति का मुख्य दिक्सूचक है संविधान
भारत ने 26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस मनाया। भारतीय संविधान सभा की आखिरी बैठक (26 नवम्बर 1949) में डा0 अम्बेडकर के प्रस्ताव पर मतदान हुआ और संविधान पारित हो गया।
Article 370 मुश्किलें पैदा कर सकता है, इन्हें पहले से पता था
जब यह दबाव का तरीका विफल रहा, तो पठान जातियों के कश्मीर पर आक्रमण को पाकिस्तान ने उकसाया, भड़काया और समर्थन दिया। तब तत्कालीन महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद का आग्रह किया। यह 24 अक्टूबर, 1947 की बात है।
11 पॉइंट्स में जानिए क्या कहता है भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370
जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय करना ज़्यादा बड़ी ज़रूरत थी और इस काम को अंजाम देने के लिये धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार कश्मीर की जनता को उस समय दिये गये थे। ये विशेष अधिकार निचले अनुभाग में दिये जा रहे हैं।
सरकार ने जम्मू कश्मीर के लिए बहुविभागीय आतंकी कार्य समूह गठित किया
केन्द्र ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में आतंक संबंधी गतिविधियों और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के खिलाफ संगठित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक बहुविभागीय आतंक निगरानी समूह गठित किया है।
महत्वपूर्ण विषयों पर आज से सुनवाई करेगी संविधान पीठ
उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ बुधवार से भूमि अधिग्रहण, न्यायाधिकरणों के ढांचे सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर सुनवाई करेगी। इनमें यह सवाल भी शामिल है कि विधिनिर्माताओं को संसद या विधानसभा में वोट के लिए रिश्वत लेने पर अभियोजन से छूट मिलनी चाहिए या नहीं।
भारत किसी फतवे से नहीं बल्कि बाबा साहेब के संविधान से चलेगा: सीएम योगी आदित्यनाथ
गोरखपुर: युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 49वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज की चतुर्थ पुण्यतिथि समारोह के युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की श्रद्धान्जलि सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि जगद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज ने कहा कि महन्त दिग्विजयनाथ जी ने राजनीति को धर्म के खूंटे से बाँधा। महन्त …
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