गूंजती चीखें, प्रसव वेदना और प्रवासी ट्रेन में मासूम की किलकारी
घण्टों की मशक्क्त के बाद अनीता ने एक बच्चे को जन्म दे दिया, आज सुबह जब उनका परिवार लखनऊ रेलवे स्टेशन पर उतरा, तो उनके चेहरे रात का मंजर साफ़ पढ़ा जा सकता था। लेकिन बुरा वक्त बीत चुका था अनीता के चेहरे पर अपने नवजात का चेहरा देखकर मातृत्व की आभा चमक उठी थी।