सिरसागंज सपा विधायक हरीओम यादवः खेती किसानी से आए राजनीति में
हर जनप्रतिनिधि की प्राथमिकता जनता की सेवा करना होनी चाहिए। इसके लिए विधायक निधि की जरूरत होती है। विधायक निधि से क्षेत्र की जनता के विकास कार्य होते हैं। विपक्ष की सरकार है फिर भी जनहित के कार्य कराते हैं। हमारे क्षेत्र की मुख्य समस्या आवारा जानवरों की है जो किसानों की फसल ओर किसानों को काफी नुकसान पहुचा रहे हैं।
शिकोहाबाद के भाजपा विधायक डॉ. मुकेश वर्माः शल्य चिकित्सक से आए राजनीति में
दलबदल के सवाल पर वह कहते हैं कि राजनीति गंदी है, कुछ नेता मज़बूरी में दल बदलते है। राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र होना चाहिए अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए।
बढ़ापुर भाजपा विधायक कुंवर सुशान्त सिंहः राजनीति में न आते तो वकील होते
विधायक कहते हैं कि क्षेत्र की समस्या है तहसील बनवाने की क्योंकि एक तहसील में 300 गांव होते हैं जबकि तहसील धामपुर में 936 गांव हैं। अतः एक नई तहसील का निर्माण कराना। जिमकार्बेट पार्क कालागढ़ टुरिज्म बनाना जिससे वहां पर जो विदेशी चिड़िया आती हैं लोग उनको देख सकें।
नगीना से सपा विधायक मनोज पारसः राजनीति में न आते तो आईएएस होते
विधायक ने कहा विधायक निधि का सही इस्तेमाल करे तो मददगार है। निधि नहीं होगी तो हम समस्या हल नहीं कर पायेंगे। विधायक निधि 2.5 करोड़ से बढ़ाकर 8 से 9 करोड़ कर देनी चाहिए जिससे क्षेत्र का ओर विकास कराया जा सके।
चांदपुर से भाजपा विधायक कमलेश सैनीः राजनीति में न आतीं तो समाजसेवा करतीं
विधायक के तौर पर क्षेत्र में आईटीआई, जीजीआईसी संस्थाओं का निर्माण कराया एवं बिजली की समस्या निवारण हेतु बिजली घर का निर्माण कराया तथा मेरठ बिजनौर को जोड़ने वाले पुल का भी कार्य कराया और छोटे बड़े अनेक पुल बनवाये।
मारहरा विस क्षेत्र के भाजपा विधायक वीरेंद्र लोधीः चाय-पानी पिलाते, नेता बन गया
जनसेवा ही मेरा सबसे खुशी का पल है। मुझे जो दायित्व मिला है। वह मेरा सौभाग्य है जनता की सेवा करूँगा। मै जब चुनाव जीता 3 माह बाद मेरे पिता वृन्दावन सिंह की मृत्यु हो गयी वह 80 वर्ष के थे। वह तीन बार ग्राम प्रधान भी रहे। में उनकी सेवा नहीं कर सका। वही दुख रहा।
रोहनियां विधायक सुरेंद्र सिंह : राजनीति ही नहीं, अर्थशास्त्र व कानून के भी जानकार
विधायक निधि के सवाल पर सुरेंद्र सिंह औढ़े ने बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि अगर विधायक निधि का ठीक ढंग से उपयोग हो तो इससे बेहतर कुछ और नहीं है। जनता अपने विधायक से अपेक्षाएं रखती है। यकीनन जनदबाव अधिक रहता है। फिरभी हमारी कोशिश रहती है कि लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरे।
पिंड्रा विधायक अवधेश सिंह : माफ करिएगा मैं लहर वाला नेता नहीं हूं !
डॉ. अवधेश सिंह बीजेपी से पहले कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन साल 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने छह बार से विधायक रहे अजय राय को धूल चटा दी।
मुहम्मदाबाद से भाजपा विधायक अल्का रायः राजनीति में न आती तो गृहिणी होती
अल्का राय ने विधायक निधि के बारे में बताया की सरकार द्वारा दिया गया विधायक निधि क्षेत्र में लगाने के लिए एक धनराशि है। उन्होंने कहा जनता की जैसे सेवा हो सके चाहे स्कूल हो, अस्पताल हो, सड़क हो या खड़ंजा हो विधायक निधि खर्च करनी चाहिए। यह जनता की निधि है।
सिद्धार्थनगर शोहरतगढ़ के विधायक चौधरी अमर सिंहः राजनीति में न आते तो खेती करते
मैं कहना चाहूंगा कि निचले स्तर पर अगर ज़िला पंचायत ओर क्षेत्र पंचायत में भ्रष्टाचार है तो ये चुनाव सीधे जनता से ही करा दिये जाएं ताकि भ्रष्टाचार खत्म हो जाये। ताकि भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा के तहत चुनकर आने वाला निर्भीक हो कर अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करें।