आज करें राशि के अनुसार महाउपाय: पूरी होगी हर मुराद, मां दुर्गा का बना रहेगा आशीर्वाद
महागौरी के पूजन में पवित्रता, नियम व संयम तथा ब्रह्मचर्य का विशेष महत्व है। पूजा के समय घर व देवालय को तोरण व विविध प्रकार के मांगलिक पत्र, पुष्पों से सजाना चाहिए।
मां दुर्गा के इस स्वरूप की उपासना से मिलेगा अनंत फल, नवरात्रि के दूसरे दिन करें पूजा
ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है तप की चारिणी यानी तप का आचरण करने वाली। देवी का ये रुप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य देने वाला है।
Navratri महाउपाय: ऐसे करें नवदुर्गा को प्रसन्न, 9 दिनों में दिखेंगे चमत्कार
देवी माँ के भक्त और वे सभी जो नवदुर्गा की पूजा करते हैं और उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो नवरात्रि के 9 दिनों में 9 आसान महाउपाय कर माता के चमत्कारों को देख सकते हैं।
इस दिन है अनंत चतुर्दशी, चाहते हैं ऐश्वर्य में वृद्धि तो जानें इस धागा को बांधने की विधि
इस बार 1 सितंबर को अंनत चतुर्दशी है।अनंत भगवान की पूजा करने और व्रत रखने से हमारे सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन संकटों से सबकी रक्षा करने वाला अनंतसूत्र बांधा जाता है, इससे सभी कष्टों का निवारण होता है।
जन्माष्टमी पर अपनी राशि के अनुसार करें पूजा, बदलेगी किस्मत, होंगे मालामाल
देश के कुछ भाग में आज 11 और 12 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस जन्माष्टमी पर मनोकामना पूर्ण करने के कुछ जरुरी टिप्स बता रहे हैं। इस जन्माष्टमी पर यदि राशि के अनुसार पूजन करते हैं तो निश्चित ही आपको हर कार्य में सफलता प्राप्त होगी
आज ही खरीद लें ये पूजन सामग्री, ताकि भगवान शिव की पूजा में न हो कोई भूल
भगवान शिव का सबसे प्रिय मास सावन ही होता है और इस पूरे महीने शिव की पूजा करने से अनगिनत पुण्यलाभ मिलते हैं। बता दें कि साल 2020 में 6 जुलाई से 3 अगस्त तक सावन का पवित्र महीना रहेगा।
पान की खासियतें जानकर हैरान हो जाएंगे आप, ऐसे हुई थी इसकी शुरूआत
भारतीय लोक संस्कृति में पान हिंदुस्तानी समाज में कब से शुरू हुआ, यह तो नहीं पता। मगर इतना जरूर कहा जाता सकता है कि इसका प्रचलन वैदिक काल से ही माना जाता है।
इस तरह करें रंगभरी एकादशी का पूजन, कष्टों से मिलेगी मुक्ति, खुलेगा मोक्ष का द्वार
फाल्गुन शुक्ल की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहा जाता है । इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार होता है और काशी में होली के पर्व की शुरुआत इसी दिन से होती है। हर साल श्री काशी विश्वनाथ का भव्य श्रृंगार दीवाली के बाद अन्नकूट , महाशिवरात्रि और रंगभरी एकादशी, पर होता है।
पूजन में कभी न करें ये भूल: ऐसे चयन करें देवताओं पर चढ़ाने वाले फूल
प्राय: हर घर में किसी न किसी शुभ अवसर पर मांगलिक कार्य संपादित किए जाते हैं। मंदिरों में इष्ट देव की आराधना हो या पूजा या फिर वैदिक मंत्रों का पाठ। इन सभी कार्यों में फूलों का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
हर काम में मिलेगी सफलता, इस दिन करेंगे विधि-विधान से व्रत का पालन
पौष मास में कृष्ण पक्ष एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। यह साल की आखिरी एकादशी होती है। इस साल सफला एकादशी 22 दिसंबर को है। इस एकादशी का नाम सफला एकादशी इसलिए है क्योंकि इस एकादशी पर व्रत करने से हर कार्य सफल होता है।