सबसे बड़े डिजिटल बदलाव! जानिए कैसे वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स और AI अवतार बदल रहे हैं सोशल मीडिया और ब्रांड प्रमोशन के तरीके

Virtual Influencers Kya Hai: वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स मार्केटिंग की दुनिया में एक क्रांतिकारी परिवर्तन हैं। ये तकनीक, रचनात्मकता और सामाजिक प्रभाव का अद्भुत संगम हैं।

Shivani Jawanjal
Published on: 5 Jun 2025 8:21 PM IST
Virtual Influencers Kya Hai
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Virtual Influencers Kya Hai

Virtual Influencers Kya Hai: डिजिटल युग की तकनीकी प्रगति ने न केवल हमारी सोच और संवाद की दिशा बदली है, बल्कि ब्रांड्स और उपभोक्ताओं के बीच संबंधों को भी एक नया आयाम दिया है। सोशल मीडिया मार्केटिंग में जहां पहले असली लोग अपने अनुभव और व्यक्तित्व से ब्रांड्स का प्रचार करते थे, अब वहां वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स की एक नई और प्रभावशाली दुनिया उभर रही है। ये पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3D ग्राफिक्स और एनीमेशन से बनाए गए डिजिटल कैरेक्टर्स हैं, जो इंसानों जैसे दिखते हैं, सोचते हैं और संवाद करते हैं। अब ये केवल फैशन और लाइफस्टाइल ही नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक चर्चाओं का भी हिस्सा बन चुके हैं। यह ट्रेंड सिर्फ मार्केटिंग का एक माध्यम नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक परिवर्तन है, जो यह सवाल खड़ा करता है, जब प्रभाव आभासी हो सकता है, तो क्या यथार्थ की सीमाएं धुंधली हो रही हैं? आइए, इन्हीं सवालों के जवाब तलाशते हैं।

वर्चुअल इंफ्लुएंसर क्या हैं?


वर्चुअल इंफ्लुएंसर ऐसे कंप्यूटर-जनरेटेड कैरेक्टर्स होते हैं, जिन्हें इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि वे बिल्कुल इंसानों की तरह दिखें, बात करें और भावनाएं व्यक्त कर सकें। इनकी पहचान एक आम सोशल मीडिया यूज़र की तरह होती है, लेकिन इनके पीछे एक क्रिएटिव टीम या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉडल काम करता है, जो इनकी सोशल मीडिया गतिविधियों, पोस्ट और संवाद को नियंत्रित करता है। ये वर्चुअल कैरेक्टर्स इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिकटॉक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय रहते हैं और कई बार इनकी लोकप्रियता असली इंफ्लुएंसर्स से भी आगे निकल जाती है। Lil Miquela (लिल मीकेला) इसका प्रमुख उदाहरण है, जिसने प्रादा, केल्विन क्लेन जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के साथ ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम कर के वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स की ताकत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है।

कैसे काम करते हैं वर्चुअल इंफ्लुएंसर?


वर्चुअल इंफ्लुएंसर आमतौर पर CGI (Computer-Generated Imagery) और AI (Artificial Intelligence) तकनीक के संयोजन से बनाए जाते हैं, जो इन्हें इंसानों की तरह दिखने, प्रतिक्रिया देने और भावनाएं व्यक्त करने में सक्षम बनाते हैं। इनकी हर पोस्ट, कैप्शन, वीडियो और संवाद या तो स्क्रिप्टेड होते हैं या फिर AI और NLP (Natural Language Processing) तकनीकों की मदद से जनरेट किए जाते हैं, ताकि ये अपने फॉलोअर्स के साथ प्रभावी रूप से संवाद कर सकें। इनके निर्माण में Blender और Spark AR जैसे 3D सॉफ्टवेयर का उपयोग होता है, जिससे एक आकर्षक और यथार्थपरक डिजिटल अवतार तैयार किया जाता है। इन वर्चुअल कैरेक्टर्स के पीछे एक कुशल टीम होती है, जिसमें कंटेंट क्रिएटर्स, मार्केटिंग विशेषज्ञ, ग्राफिक डिजाइनर्स और डेटा एनालिस्ट शामिल होते हैं, जो इनकी सोशल मीडिया उपस्थिति और ब्रांड सहयोग को रणनीतिक रूप से संचालित करते हैं।

वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स की लोकप्रियता क्यों बढ़ रही है?


वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स ब्रांड्स को ऐसे कई फायदे प्रदान करते हैं, जो पारंपरिक इंफ्लुएंसर्स के साथ संभव नहीं होते। सबसे बड़ी खासियत यह है कि ब्रांड्स इन डिजिटल कैरेक्टर्स की छवि, व्यवहार और हर पोस्ट पर पूरा नियंत्रण रखते हैं, जिससे अप्रत्याशित व्यवहार या स्कैंडल जैसी आशंकाएं लगभग समाप्त हो जाती हैं। इनकी 24/7 डिजिटल उपलब्धता उन्हें कभी भी, कहीं भी उपयोग करने योग्य बनाती है, बिना समय या स्थान की सीमा के। साथ ही, वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स के माध्यम से ब्रांड्स अत्यधिक रचनात्मक और कल्पनाशील कैंपेन चला सकते हैं, जिनकी स्टोरीलाइन, लुक और एक्टिविटीज को पूरी तरह से डिजाइन किया जा सकता है। इसके अलावा, ये पारंपरिक सेलेब्रिटीज की तुलना में कहीं अधिक किफायती होते हैं, क्योंकि इन पर ट्रैवल, शूटिंग या अन्य लॉजिस्टिक खर्च नहीं आता, जिससे ब्रांड्स को कम लागत में अधिक प्रभाव मिल पाता है।

भारत की पहली वर्चुअल इंफ्लुएंसर


भारत में वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स का चलन हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है, और कई घरेलू ब्रांड्स अब इन डिजिटल कैरेक्टर्स के साथ सहयोग कर रहे हैं। देश में AI और डिज़ाइन टैलेंट की प्रचुरता के कारण इस क्षेत्र में आगे और भी नवाचार देखने को मिल सकते हैं। भारत की पहली वर्चुअल इंफ्लुएंसर Kyra को 2022 में FUTR Studios द्वारा लॉन्च किया गया था। Kyra ने Amazon Prime Video, boAt, John Jacobs, Titan, Morris Garages India और ITC जैसे प्रमुख ब्रांड्स के साथ कोलैब किया है। अगस्त 2024 तक उसके इंस्टाग्राम पर 2.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। फैशन, फिटनेस, लाइफस्टाइल और ट्रैवल जैसे कंटेंट के लिए डिज़ाइन की गई Kyra अब भारत की सबसे पहचानने योग्य वर्चुअल पर्सनैलिटी बन चुकी है।

ब्रांड मार्केटिंग में क्रांति

वर्चुअल इंफ्लुएंसर मार्केटिंग इंडस्ट्री में एक नई क्रांति ला रहे हैं, जो ब्रांड्स को अपनी पहचान और मूल्यों को रचनात्मक और पूरी तरह डिजिटल रूप में प्रस्तुत करने का अनोखा अवसर देते हैं। ये इंफ्लुएंसर रियलिटी और फिक्शन को मिलाकर ऐसे इमर्सिव एक्सपीरियंस तैयार करते हैं, जो पारंपरिक विज्ञापन की तुलना में कहीं अधिक आकर्षक और यादगार होते हैं। खासकर Gen Z और मिलेनियल्स जैसी युवा पीढ़ी, जो डिजिटल वातावरण में पली-बढ़ी है, वर्चुअल कैरेक्टर्स से गहराई से जुड़ती है। वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स अब केवल ब्रांड प्रमोशन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे एजुकेशन, एंटरटेनमेंट और सोशल अवेयरनेस जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे फैशन, हेल्थ, लाइफस्टाइल टिप्स और सामाजिक मुद्दों पर बात कर के कंटेंट को जानकारी और मनोरंजन का प्रभावशाली मेल बना रहे हैं।

नैतिक और सामाजिक प्रश्न

वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स के बढ़ते प्रभाव के साथ कई महत्वपूर्ण चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। सबसे बड़ा सवाल पारदर्शिता का है, क्या फॉलोअर्स को साफ-साफ बताया जाता है कि वे किसी असली व्यक्ति से नहीं, बल्कि एक डिजिटल कैरेक्टर से जुड़ रहे हैं? पारदर्शिता की कमी उपभोक्ता विश्वास को नुकसान पहुंचा सकती है और यह नियंत्रण एवं संचालन के मुद्दों से जुड़ा है। साथ ही, AI आधारित ये कैरेक्टर्स इंसानों की असली भावनाओं और अनुभवों को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे उनकी प्रामाणिकता सीमित रह जाती है। इसके अलावा, वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स अक्सर अवास्तविक और आदर्श सौंदर्य मानकों को बढ़ावा देते हैं, जो युवा फॉलोअर्स के आत्म-सम्मान और बॉडी इमेज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। एक और महत्वपूर्ण पहलू डेटा प्राइवेसी का है, जहां इन डिजिटल कैरेक्टर्स के पीछे की कंपनियां उपयोगकर्ता डेटा का विश्लेषण करती हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि उपभोक्ता डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता कितनी सुनिश्चित है।

भविष्य की संभावनाएँ


AI और AR तकनीकों के व्यापक उपयोग के साथ वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स का प्रभाव और विस्तार लगातार बढ़ता जा रहा है। वे केवल ब्रांड प्रमोशन तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि अपने खुद के म्यूजिक एल्बम, फैशन कलेक्शन और फिल्मों के जरिए एक पूर्ण सेलिब्रिटी के रूप में उभर सकते हैं। इनका उपयोग विभिन्न संभावित क्षेत्रों में भी देखा जा रहा है - जैसे एजुकेशन इंफ्लुएंसर्स के रूप में बच्चों को पढ़ाने या शैक्षिक कंटेंट प्रस्तुत करने में, हेल्थ इंफ्लुएंसर्स के तौर पर फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी फैलाने में, और सोशल एक्टिविज्म के लिए पर्यावरण या लैंगिक समानता जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने में। इसके अलावा, वर्चुअल इंफ्लुएंसर्स ब्रांड्स को कंटेंट क्रिएशन, स्टोरीटेलिंग और नए प्रयोग करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करते हैं, जो पारंपरिक मार्केटिंग से बिल्कुल अलग और प्रभावशाली है।

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