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इस स्टूडेंट ने अफवाहों को बनाया हकीकत, इंवेंट किया ये अनोखा डिवाइस
नोटबंदी के बाद जब बाजार में नए 2000 के नोट आए तो सोशल मीडिया में ये अफवाह फैली की इस नोट में चीप लगा हुआ है जिससे ये मालूम चल जायेगा कि नोट कहा पर रखे गये है। जिसके बाद RBI ने इसका खंडन कर दिया था। लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी के एक नौजवान ने ये सच कर दिखाया है एक इंजिनियरिंग के छात्र ने ऐसा डिवाइस का आविष्कार किया है जिससे आप कही भी हो आपकी नजर अापके नोटो पर रहेगी।घर के बाहर जाने पर हमे ये डर सताता है कि कही कोई चोर घर में घुस के चोरी न कर ले।
वाराणसी: नोटबंदी के बाद जब बाजार में नए 2000 के नोट आए तो सोशल मीडिया में ये अफवाह फैली की इस नोट में चीप लगा हुआ है जिससे ये मालूम चल जायेगा कि नोट कहा पर रखे गये है। जिसके बाद RBI ने इसका खंडन कर दिया था। लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी के एक नौजवान ने ये सच कर दिखाया है एक इंजिनियरिंग के छात्र ने ऐसा डिवाइस का आविष्कार किया है जिससे आप कही भी हो आपकी नजर अापके नोटो पर रहेगी।
24x7 रख सकते हैं अपने नोटों पर नज़र
घर के बाहर जाने पर हमे ये डर सताता है कि कही कोई चोर घर में घुस के चोरी न कर ले। लेकिन अब आप बेफिक्र हो जाइये ।एक स्टूडेंट ने ऐसा डिवाइस इंवेंट किया है जिससे आप कही भी हो आपकी नजर आपके नोटों पर रहेगी । चोर आपके नोटों को चुरा तो सकता है लेकिन ज्यादा दूर तक ले नहीं जा पाएगा।
मोदी ने पुराने बड़े नोट बंद कर के नए नोट की शुरुआत की।नए नोटों के बारे में हवा उडी थी की इसमें माइक्रोचिप लगा हुआ है जो नोटों का लोकेशन बताएगा।हालांकि बाद में RBI ने इस पर विराम लगाया और चिप लगाने की बात से इंकार किया।लेकिन इस चिप की बात वाराणसी में एक इंजीनियरिंग के स्टूडेंट परवेश मौर्या को लग गयी.बस फिर क्या था। उसने एक ऐसा डिवाइस बनाया जिससे नोटों की लोकेशन ट्रेस हो सक।
तीन दिन में बनाया ये अनोखा डिवाइस
परवेश ने ये चिप मात्र 3 दिनों में बनाया है ।इस डिवाइस की खासियत ये है कि यदि आप अपने नोट में इस माइक्रो चिप को लगाकर डिवाइस एक्टिव करके चले जाते है तो किसी चोर द्वारा उस नोट को चुरा कर निश्चित दूरी पर जाने के बाद मैकेनिकल स्विच गृप से हट जायेगा और आपके मोबाइल पर अलर्ट कॉल या एसएमएस आ जायेगा ।
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क्या है इस चिप की खासियत
इस डिवाइस में लगे कुछ डिवाइस इसे संचालित करते है।इस चिप में ट्रांसमीटर लगा हुआ है जो रिसीवर सिस्टम के तहत लोकेट होगा ।रिसीवर में सेन्सर के साथ 9 बोल्ट की बैटरी लगी हुई है ।मैकेनिकल स्विच ,जीएसएम सर्किट है जो डिस्टेंस एक्टिवेट हो जाता है ।इसके अलावा मोबाइल पर GPRS लोकेशनसॉफ्टवेर बनाकर मोबाइल में इसका पासवर्ड और यूजर नेम सेव किया जाता है।जिससे नोटों के मालिक तक की ये अलर्ट मिल सके ।
इस अविष्कार में वाराणसी के प्रसिद्ध आविष्कारक श्याम चौरसिया भी इस छात्र के साथ रहे ।जिन्होंने इसके पहले बनारस में कई अविष्कारों से सबको अचंभित किया है ,जिसका मानना है कि इस अविष्कार को अगर बड़े रूप में सरकार अपनाती है तो घरों में चोरी तो पकड़ में आएगी ही साथ ही कालाधन रखने वालों पर भी नजर रखी जा सकती है ।वही इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर अमित मौर्य इस अविष्कार को अब आवश्यकता बताते हुए इसे कारगर होने की बात कर रहे है ।