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नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो रहा है छठ, जानें पूजा का शुभ महूर्त और इससे जुड़ी मान्यताएं

Aditya Mishra
Published on: 11 Nov 2018 12:31 PM IST
नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो रहा है छठ, जानें पूजा का शुभ महूर्त और इससे जुड़ी मान्यताएं
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गोरखपुर: असत्य पर सत्य की विजय के पर्व दशहरा और दीपावली के बाद अब शहर के लोग सूर्योपासना के महापर्व सूर्यषष्ठी व्रत यानी छठ व्रत के लिए तैयार हैं। शहर के बाजार और घर में इसे लेकर बड़ा उल्लास इस तैयारी की तस्दीक कर रहा है। छठ पूजा के मद्देनजर सजे घाट और पोखरे भी पर्व के उत्साह की गवाही हैं। नहाय -खाय के साथ आज चार दिवसीय पर्व की शुरुआत हो रही है। 12 नवंबर को खरना,13 को सायं कालीन अर्ध्य और 14 को सूर्योदय का अर्ध्य प्रदान किया जाएगा।

पंडित संजय पांडे ने बताया कि चार दिवसीय छठ पूजा के पहले दिन रविवार को सूर्योदय सुबह 6:34 पर और चतुर्थी तिथि रात्रि 11:16 बजे तक है। इस दिन मूल नक्षत्र सुकर्मा और सिद्धि नामक महा औदयिक योग है चंद्रमा अपने परम मित्र बृहस्पति की राशि पर स्थित है इस दिन व्रती महिला जलाशय में स्नान करके घर की सफाई कर कद्दू की सब्जी बनाएंगे सबको भोजन खिला कर स्वयं संकल्प बाध्य होकर उपवास करेंगे रात्रि को भूमि पर या काष्ठआसन पर शयन करेंगी।

छठ व्रत के दूसरे दिन 12 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6: 34 बजे और पंचमी तिथि रात्रि 12:55 बजे तक है। इस दिन व्रती महिला जलाशय के तकिया घाट पर जाकर षष्ठी माता की मिट्टी की वेदी का निर्माण का सूर्योदय तथा माता षष्ठी की पूजा कर चतुर्थी में किया गया उपवास तोड़ेंगे तीसरे दिन 13 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6:35 बजे तथा षष्ठी तिथि का मान रात्रि 2:54 तक है। शाम को व्रती महिलाएं सूर्यास्त के समय 5:25 बजें सूर्य देव को पहला अर्घ्य प्रदान करेंगी चौथा तथा अंतिम दिन 14 नवंबर को सूर्योदय सुबह 6:36 बजे है ।इस समय सूर्योदय को द्वितीय अर्ध्य प्रदान किया जाएगा।

छठ पूजा की यह है विशेषताएं

छठ पूजा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता भक्ति एवं आध्यात्म है ।इसकी उपासना पद्धति सरल है। इसमें किसी आचार्य की आवश्यकता नहीं है यह अलौकिक रीति रिवाज एवं ग्रामीण जीवन पर आधारित है पंडित संजय पांडे ने बताया कि श्री राम के राज्याभिषेक के बाद सीता जी के साथ यह व्रत किया था द्रोपदी ने अज्ञातवास के दौरान राजपाट की प्राप्ति की मनोकामना के लिए व्रत किया था हिंदू धर्म के अधिकांश व्रत महिलाएं ही करती हैं परंतु छठ व्रत एक ऐसा व्रत है जिससे महिलाओं के साथ ही पुरुष भी करते हैं।

बाजार गुलजार उमड़े खरीदार , बेमौसम फलों के दामों में है बढ़ोतरी

वही छठ पर्व की शुरुआत रविवार से ही हो गई शहर में इसकी धूम जमकर दिखी सुबह होते ही शहर के कई स्थानों पर छठ के बाजार सज गए ऐसे में मौसमी और दुर्लभ फल दिखने लगे जो हर वर्ष सिर्फ छठ पर्व के दौरान ही देखने को मिलते हैं। सामान की खरीद भी शुरू हो गई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष के छठ बाजार में अगर कुछ नया है तो वह दाम के उतार-चढ़ाव। कुछ के दाम गिरे है तो कुछ के 25 से ज्यादा फ़ीसदी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि काफी सामान के दाम यथावत है सर्वाधिक बढ़ोतरी आम के दाम में हुई है। बेमौसम मिल रहा आम पिछले वर्ष जहां 150 किलो था। वही इसका भाव ₹200 किलो पहुंच गया है। तरबूज और बड़े नींबू के दाम तो दूना हो गए हैं। बढ़े दामों वाले अन्य फल में संतरा ,मौसमी, अनार, गंजी, बेर ,आंवला, गाजर, पपीता, नारियल, आदि शामिल हैं।

उधर पनियाला, केला, कच्चा, बादाम, सिंघाड़ा, इमली आदि के दामों में कमी आई है। यह कमी भी 25 से 50 फ़ीसदी के करीब है असुरन पर फल बेच रहे अंकित ने बताया कि फलों की उपलब्धता से उसका दाम निर्धारित होता है ऐसे में इतना उतार चढ़ाव तो लाजमी है।

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Aditya Mishra

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