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फ़िल्मी दरिया में डूबेगा नवाबों का शहर, 12 नवंबर से होगा फिल्म फेस्टिवल का आगाज़

नवाबों का शहर एक बार फिर फिल्मों में डूबने को तैयार है ।नवंबर का खूबसूरत नरम गरम मौसम और अलग अलग जायकों की फिल्मो से सराबोर माहौल।4th शान ए अवध इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का आगाज़ 12 नवम्बर से हो रहा है।लखनऊ के भारतेन्दु नाट्य अकादमी,गोमतीनगर में तीन दिनों तक फ़िल्म फेस्टिवल के मज़े लिए जा सकेंगे।

priyankajoshi
Published on: 4 Nov 2016 12:46 PM GMT
फ़िल्मी दरिया में डूबेगा नवाबों का शहर, 12 नवंबर से होगा फिल्म फेस्टिवल का आगाज़
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लखनऊ:नवाबों का शहर एक बार फिर फिल्मों में डूबने को तैयार है ।नवंबर का खूबसूरत नरम गरम मौसम और अलग अलग जायकों की फिल्मो से सराबोर माहौल।4th शान ए अवध इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल का आगाज़ 12 नवम्बर से हो रहा है।लखनऊ के भारतेन्दु नाट्य अकादमी,गोमतीनगर में तीन दिनों तक फ़िल्म फेस्टिवल के मज़े लिए जा सकेंगे।

फ़िल्म फेस्टिवल की शुरुआत मशूहर और हर दिल के अज़ीज़ गायक मोहम्मद रफ़ी की लाइफ़ोग्रॉफी से हो रही है।यूपी में पहली बार इस फ़िल्म की स्क्रीनिंग शान ए अवध इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में होगी।अवध इस बार रफ़ी साहब की ज़िन्दगी के वो पहलु देखेगा जो सिल्वर स्क्रीन पर कभी नही आए।रफ़ी साहब का मुम्बई में आना और वालिद का कहना कि 'या तो कुछ बनकर लौटना वरना मत आना'।उनकी ज़िन्दगी के ऐसे बहुत से किस्से आपको देखने को मिलेंगे।

सामाजिक मुद्दों में एसिड अटैक पर बनी फ़िल्म बर्न लोगो को हौसला देगी।उन्हें रुलाएगी मगर रास्ते भी दिखाएगी।वहीं1973 ऐन अनटोल्ड स्टोरी,यह फ़िल्म भू माफिया के आगे कमज़ोर किसान की तड़प को दिखाएगी।उसकी ज़िन्दगी की साँसे कैसे छिनती हैं, इस दर्द को इस फ़िल्म ने उकेरा है।वहीं डायलमा जैसी फ़िल्म गुदगुदाते हुए ज़हन में सवाल छोड़ेगी।

यह फ़िल्म फेस्टिवल अपने आप में बिलकुल अलग हैं।अवध की चौखट पर आप एक साथ 17 देशो की फ़िल्मे देख पाएँगे।हर फ़िल्म की कहानी जुदा है, माहौल अलग है, मज़ा अलग है।यह सारी बिखरी बिखरी फ़िल्मे 12 से 14 नवम्बर तक रोज़ 11 बजे से शाम 6 बजे तक एक जगह,एक माहौल में चाय के संग देखी जा सकती हैं।

फ़िल्म फेस्टिवल में बीच में फिल्मो पर बात करने के लिए जाने भी दो यारों,क्या कहना और दिल है तुम्हारा जैसी फिल्मो के डायरेक्टर कुंदन शाह होंगे।असीम सिन्हा के किस्से होंगे।अजय ब्रह्मात्मज के वोह सवाल जो फिल्मो की ऐसे परते खोलेंगे की पूरा फेस्टिवल खुद एक बड़ी फ़िल्म लगने लगेगा।

लखनऊ के अपने फ़िल्म फेस्टिवल में एंट्री बिलकुल फ्री है।फिल्मो के क्रम और फेस्टिवल की रुपरेखा पास में दी गई है।यह पास शहर के अलग अलग जगहों से लिए जा सकते हैं।जिनमे यूनिवर्सल हज़रतगंज,सीज़ डे कैफ़े गोखले मार्ग,लांच बॉक्स विभूति खण्ड,रैपर्स रेस्टोरेंट पत्रकारपुरम,अवध फ़िल्म फेस्टिवल के ऑफिस से भी कलेक्ट किया जा सकता है।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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