×

पहली बार लखनऊ में यहां लहराया था तिरंगा, नाम जानकर चौंक जाएंगे आप

Rishi
Published on: 13 Aug 2018 11:48 AM GMT
पहली बार लखनऊ में यहां लहराया था तिरंगा, नाम जानकर चौंक जाएंगे आप
X

लखनऊ : लखनऊ के अमीनाबाद स्थित अमीनुद्दौला पार्क जिसे अब झंडे वाला पार्क के नाम से जानते हैं। क्या आपको पता है कि इसे झंडे वाला पार्क क्यों कहा जाता है?

ये भी देखें :आजादी की पहली सुबह और लखनऊ, जानिए 11 रोचक बातें

जानिए कहानी

जनवरी 1928 में क्रांतिकारियों ने पहली बार राष्ट्रीय ध्वज अमीनुद्दौला पार्क में फहराकर गोरी हुकूमत को ललकारा था। तब से अमीनुद्दौला पार्क झंडे वाला पार्क के नाम से जाना जाने लगा। अवध के नवाब अमजद अली शाह के समय में उनके वजीर इमदाद हुसैन खां अमीनुद्दौला को पार्क वाला इलाका भी मिला था, उस समय इसे इमदाद बाग कहा जाता था।

ये भी देखें : लखनऊ के इसी चंदर नगर गेट पर कई क्रांतिकारियों को दी गई थी फांसी

इससे पहले ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1914 में अमीनाबाद का पुनर्निर्माण कराया गया। चारों तरफ सड़कें निकाली गई बीच में जो जगह बची उसमें एक पार्क का निर्माण हुआ। जिसका नाम अमीनुद्दौला पार्क रखा गया।

ये भी देखें : कलम से भी लड़ी गई थी स्वतंत्रता की जंग, वंदेमातरम था ‘बलिदान मंत्र’

अगस्त 1935 को क्रांतिकारी गुलाब सिंह लोधी उस जुलूस में शामिल हुए, जो पार्क में झंडा फहराना चाहते थे। झंडारोहण कार्यक्रम होने जा रहा था तभी अंग्रेजी सैनिकों ने पार्क को चारो तरफ से घेर लिया। लेकिन गुलाब सैनिकों से बिना डरे पार्क में घुस गए और एक पेड़ पर चढ़कर राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। उसी समय एक सैनिक ने लोधी को गोलियों से भून दिया और वह शहीद हो गए थे।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story