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इस मंदिर में दोष पीड़ित व्यक्ति के दूध चढ़ाने से बदलता है रंग, जानिए वजह?
कीजापेरुमपल्लम: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह कहते हैं। नौ ग्रहों के निर्माण में इन दो ग्रहों की भी भूमिका है। सभी ग्रहों का अपना-अपना स्वभाव है। इस स्वभाव के कारण ही ये जातक पर अपना प्रभाव डालते हैं। हिन्दू धर्म में हर ग्रह किसी न किसी देवता से संबंधित है।
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हिंदूओं के जितने भी मंदिर हैं उसके पीछे कोई न कोई रहस्य या हैरान करने वाली घटना जरूर है। ऐसा ही एक मंदिर केरल के कीजापेरुमपल्लम गांव में स्थित हैं। इस मंदिर को नागनाथस्वामी मंदिर या केतु स्थल के नाम से जाना जाता है।यह यह मंदिर केतु देव को समर्पित है। यह मंदिर पवित्र कावेरी नदी के तट पर बना है।
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यह मंदिर केतु को समर्पित है, लेकिन इस मंदिर के मुख्य देव भगवान शिव है। शिव को नागनाथ कहा गया है। इस मंदिर में राहु देव के ऊपर दूध चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग केतु के दोष से पीड़ित होते हैं, उनके द्वारा चढ़ाया गया दूध नीला हो जाता है। इस मंदिर से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ऋषि के श्राप से मुक्ति पाने के लिए केतु ने शिव आराधना प्रारंभ की। शिवरात्रि के पावन दिन पर भगवान शिव ने केतु को दर्शन दिए और उसे श्राप से मुक्ति भी दिलवाई।