×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

करवा स्पेशल: मौत से छीन लाया पति को, ये हैं आधुनिक जमाने की सती सावित्री

Aditya Mishra
Published on: 27 Oct 2018 10:05 AM IST
करवा स्पेशल: मौत से छीन लाया पति को, ये हैं आधुनिक जमाने की सती सावित्री
X

आदित्य मिश्र

लखनऊ: 27 अक्टूबर को देश भर में करवा चौथ मनाया जा रहा है। इस दिन पत्नी बिना अन्न जल ग्रहण किये व्रत रखती है और अपने पति की लम्बी आयु के लिए कामना करती है। चांद को देखने और पति के हाथों पानी पीने के बाद ही पत्नी का व्रत पूरा माना जाता है।

करवा चौथ के इस खास मौके पर Newstarck.com आपको प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली मीना श्रीवास्तव (38) के बारे में बताने जा रहा है जिसने न केवल अपने पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखा बल्कि अपनी जान की परवाह किये बगैर किडनी डोनेट कर कैंसर की बीमारी से जूझ रहे अपने पति की जान बचा ली।

सामान्य परिवार में हुआ था भाई –बहन का जन्म

मीना का जन्म प्रतापगढ़ डिस्ट्रिक्ट के दहिलामऊ गांव में एक सामान्य परिवार में हुआ था। उसके पिता शम्भुनाथ श्रीवास्तव प्रतापगढ़ के कचहरी में मुंशी के पद पर तैनात थे। मीना के पांच भाई बहन थे। उनमें वह तीसरे नम्बर की थे। वे अपने घर में सभी के दुलारी थी। परिवार में उसकी सभी से अच्छी बनती थी।

ये भी पढ़ें...इस मुहूर्त में अर्ध्य देने से बढ़ेगी पति की उम्र, करवा चौथ है खास, फिर भी न करें ये काम

ऐसे पता चला बीमारी के बारे में

मीना के बेटे झितिज के मुताबिक़ उसके पिता राकेश को 2012 में पहली बार किडनी खराब होने की जानकारी हुई। पिता को 15 साल से डायबिटीज था। उनका हिमोग्लोबिन लगातार डाउन हो रहा था। पैर में सूजन और सांस लेने में प्रोब्लम होने पर प्रतापगढ़ के डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल में दिखाया।

ट्रीटमेंट के बाद कोई फायदा नहीं हुआ। उसके बाद कुछ अन्य हास्पिटलों में भी डाक्टरों की दिखाया गया। लेकिन कही पर भी न तो बीमारी पकड में आई और न ही इलाज से फायदा हो पाया। 2012 में ही राकेश को दिल्ली के मेट्रो हास्पिटल में दिखाने पर दायी किडनी खराब होने की जानकारी हुई।

पांच साल तक किडनी की बीमारी से जूझे

2015 में राकेश की तबियत एक बार फिर से ज्यादा बिगड़ गई। घरवाले उसे इलाज के लिए देहरादून के मैक्स हास्पिटल लेकर आय गये। देहरादून के डाक्टरों ने डायलिसिस कराने की बात कही। उसके बाद पिता को लेकर इलाहाबाद आ गये। 2015 से लेकर 2017 तक इलाहाबाद के फोनिक्स हास्पिटल में दो साल तक उनका डायलिसिस चला। डाक्टरों ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट होने पर ही पेशेंट की जान बचाई जा सकती है।

वाइफ की किडनी आई काम

राकेश के दो भाई थे। उनमें से एक भाई की दिमागी हालात ठीक नहीं थी। दूसरे भाई को ब्लड कैंसर था। डाक्टरों ने उन दोनों की किडनी लेने से मना कर दिया। उसके बाद वाइफ की किडनी मैच कराई गई। उनकी किडनी मैच कर गई।डाक्टर्स मीना की किडनी उसके हसबैंड में ट्रांसप्लाट करने के लिए तैयार हो गये।

किडनी ट्रांसप्लांट होने पर बच पाई जान

2017 में डाक्टरों की सलाह पर घरवाले पापा को लेकर फोर्टिस हास्पिटल चले आये। उस टाइम पापा का हिमोग्लोबिन 9 से घटकर 4 पॉइंट पर आ गया था। 15 अप्रैल को डाक्टरों ने पापा और बुआ का दोबारा से हेल्थ चेक अप कराया।

सब कुछ ठीक पाए जाने पर उसी दिन मां की दायी किडनी निकालकर पापा के बॉडी में ट्रांसप्लांट की गई। ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सक्सेसफुल रहा। डाक्टरों ने माँ को 6 दिन और पापा को 10 दिन बाद डिस्चार्ज किया।

ये भी पढ़ें...करवा चौथ 2018: अमर सुहाग का व्रत,इस बार बन रहा अद्भुत संयोग

ट्रांसप्लांट में आया इतने का खर्च

झितिज के मुताबिक़ पापा और माँ के ट्रांसप्लांट में लगभग 8 लाख रूपये का खर्च आया था। डाक्टरों ने किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद हर हफ्ते रूटीन चेक अप के लिए फोर्टिस हास्पिटल बुलाया। जांच और दवा को मिलाकर लगभग 50 हजार रूपये तक का खर्च आ चुका है। पापा फोर्टिस से डिस्चार्ज होने के बाद सीधे घर चले आये। इस टाइम पापा और माँ की दोनों की तबियत ठीक है।

अब जी रहे है ऐसी लाइफ

राकेश फोर्टिस हास्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद इस टाइम प्रतापगढ़ में केमिकल की शॉप चला रहे है। राकेश के दो बेटे और एक बेटी है। बेटी एमएससी कम्प्लीट कर सरस्वती डिग्री कालेज में टीचर बन गई है।

बड़ा बेटा फिजियोथेरेपिस्ट और छोटा बेटा ग्रेजुएशन कम्प्लीट कर पिता के साथ उनके काम में हाथ बंटा रहा है। राकेश अपनी बेटी की शादी के लिए रिश्ता ढूंढ रहे है। उनके प्रतापगढ़ में अपना बड़ा सा घर भी बनवा लिया है।

ये भी पढ़ें...करवा चौथ में सेक्स करना सही है या गलत!



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story