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मुश्किल हुआ दीदार-ए-ताज, 500-1000 का नोट बंद होने पर नहीं मिल पा रहे पर्यटक
मोदी के अबतक के सबसे बड़े फैसले ने पूरे देश में खलबली मची हुई है 500 और 1000 रूपए के नोट बंद हो जाने के कारण ताज पर पर्यटकों को टिकट नहीं मिल पा रहा जिसके वजह से लोग काफी परेशान और आक्रोशित।ताज महल के दीदार को पहुंचे देशी विदेशी पर्यटक बुधवार सुबह से ही परेशान और आक्रोशित दिखाई दे रहे है।
आगरा : पीएम मोदी के अब तक के सबसे बड़े फैसले से पूरे देश में खलबली मची हुई है। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हो जाने के कारण ताज पर पर्यटकों को टिकट नहीं मिल पा रहा, जिसकी वजह से लोग काफी परेशान हैं। ताज महल के दीदार को पहुंचे देशी-विदेशी पर्यटक बुधवार सुबह से ही परेशान और गुस्से में दिखे।
सैलानियों को उठानी पड़ रही परेशानी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद उन्हें नहीं स्वीकारने का निर्णय लिया है। वह 100 रुपए या इससे छोटे नोट ही स्वीकार करेगा। ताजनगरी के प्रमुख उद्योगों में गिने जाने वाले पर्यटन उद्योग का प्रमुख आकर्षण ताजमहल है। गौरतलब है कि यहां विदेशी पर्यटकों के लिए 1000 रुपए का टिकट है, जबकि भारतीय पर्यटकों के लिए 40 रुपए का। देसी व विदेशी सैलानी और टूर ऑपरेटर्स ग्रुप के लिए टिकट खरीदते वक्त बड़े नोटों में ही भुगतान करते हैं। मगर अब नोट ना चलने से यहां आए सैलानी काफी परेशान हैं।
कई पर्यटकों का दिल टूटा
ताज समेत सभी संरक्षित स्मारकों पर बुधवार सुबह से 500 व 1000 रुपए के नोट नहीं लिए जा रहे थे। इससे पर्यटकों व टूर ऑपरेटर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। छोटे नोट देने पर ही उन्हें टिकट दिए जाने की बात कही जा रही है। ताज के दीदार के मीठे सपने संजोए पर्यटकों का दिल टूट सा गया है क्योंकि नोटों की बंदी के चलते उन्हें टिकट नहीं मिल पाया । इससे उन्हें स्मारकों के दीदार से वंचित रहना पड़ा। परेशान टूर ऑपरेटर ने रात को एएसआइ के अधिकारियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया ।
क्या कहना है पर्यटकों का ?
पर्यटकों का कहना है कि आज एटीएम भी बंद है। वहीं दिन भर कुछ खाने-पीने और जाने के लिए कैसे व्यवस्था होगी अगर ये नोट नहीं चले तो, ब्रिटेन से आए डेविड और उनकी पत्नी सारा काफी परेशान दिखाई दिए क्योंकि उनके पास सारा रुपया 500 और 1000 के नोट में था। उनका कहना है कि सरकार को ऐसा निर्णय लेने से पहले सभी इन्तेजाम करने चाहिए थे वही औस्ट्रेलिया से आए रोज्वुल्ट अपने बच्चो को खाना खिलाने और अन्य खर्चो के लिए परेशान दिखाई दिए। हालांकि मोदी सरकार का यह निर्णय भले ही दूरगामी अच्छे परिणाम वाला हो लेकिन हालिया ये जनता और देशी विदेशी पर्यटकों को रुलाने वाला महसूस हो रहा है।