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विधानसभा स्तर पर छोटी-छोटी बैठकें करेगी बसपा, विरोधियों को घेरने की रणनीति तैयार
यूपी में सात चरणों में चुनाव होने हैं। इस दौरान बसपा विधानसभा स्तर पर छोटी—छोटी बैठकों का सिलसिला जारी रखेगी। इसमें पूर्व की माया सरकार के कामों के बारे में लोगों को बताया जाएगा। अखिलेश सरकार पर सपा परिवार के विवाद, कानून व्यवस्था और एक जाति विशेष को सरकारी हलकों में तवज्जो दिए जाने को लेकर हमले होंगे तो बीजेपी को नोटबंदी को लेकर घेरा जाएगा। बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार (7 दिसंबर) को इस सिलसिले में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों की बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा की और जरूरी निर्देश दिएं।
लखनऊ: यूपी में सात चरणों में चुनाव होने हैं। इस दौरान बसपा विधानसभा स्तर पर छोटी—छोटी बैठकों का सिलसिला जारी रखेगी। इसमें पूर्व की माया सरकार के कामों के बारे में लोगों को बताया जाएगा। अखिलेश सरकार पर सपा परिवार के विवाद, कानून व्यवस्था और एक जाति विशेष को सरकारी हलकों में तवज्जो दिए जाने को लेकर हमले होंगे तो बीजेपी को नोटबंदी को लेकर घेरा जाएगा। बसपा मुखिया मायावती ने शनिवार (7 जनवरी) को इस सिलसिले में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों की बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा की और जरूरी निर्देश दिए।
मायावती ने पदाधिकारियों, प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं को आचार संहिता का जमीनी स्तर पर पालन करने को कहा। साथ ही नए आचार संहिता के बारे में भी जानकारी दी। मायावती ने कहा कि इस कार्य में चुनाव आयोग को पूरा सहयोग करने की आवश्यकता है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसके निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करने से गरीबों, कमजोर और उपेक्षित वर्गों को भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने में आसानी होगी।
बीजेपी से सतर्क रहने की दी हिदायत
मायावती ने बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी लोकसभा की चुनावी वादाखिलाफी से ध्यान हटाने के लिए नोटबंदी का फैसला लिया। अब उसका ख़ामियाजा भुगतने के डर से बीजेपी नेता अनेकों प्रकार के हथकंडे अपनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत संसद का बजट सत्र विधानसभा चुनाव के दौरान ही आहूत कर लिया गया है। जिससे बजट में कुछ लोक-लुभावन घोषणाएं करके ख़ासकर प्रदेश की जनता को बहकाया जा सके, इससे लोगों को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है।
सपा से मुक्ति पाने का सही समय आ गया
मायावती ने कहा कि सपा के पारिवारिक कलह और घमासान से प्रदेश की जनता को मुक्ति पाना जरूरी है। सपा उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी है। पहले से ही उसके राज में साम्प्रदायिक दंगे और तनाव के कारण प्रदेश हर स्तर पर बदहाल रहा और काफी बदनाम भी हुआ है। अब ऐसी सरकार से मुक्ति पाने का सही समय आ गया है।
सपा के दोनों गुटों को मालूम, सत्ता में नहीं आने वाले
मायावती ने कहा कि सपा के दोनों ही गुटों को मालूम है कि वे सत्ता में नहीं आने वाले हैं। इसीलिये सपा यहां ऑक्सीजन पर चल रही कांग्रेस से किसी भी प्रकार का समझौता करने को आतुर हैं, इसके बारे में भी आम जनता को जागरूक और सावधान करते रहने की जरूरत है। इसके अलावा सपा के दोनों गुटों में राजनीतिक और चुनावी मजबूरी के तहत अगर तोड़-फोड़ रूक जाती है अथवा दोनों गुटों के बीच तलवारबाजी कम भी हो जाती है तो भी इससे प्रदेश की जनता का कोई भी भला होने वाला नहीं है
बैठक शुरू होने से पहले मायावती ने क्या कहा ?
-बैठक शुरू होने से पहले मायावती ने कहा कि बसपा एक अनुशासित पार्टी के तौर पर जानी जाती है।
-सभी उम्मीदवार आचार संहिता का पालन करें।
-इसके साथ ही मायावती ने सपा और बीजेपी पर भी निशाना साधा।
-उन्होंने कहा,एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी में कलह चल रही है तो वहीं बीजेपी ने अचानक से बिना किसी तैयारी के नोटबंदी का ऐलान कर दिया।
-यूपी में सिर्फ जंगलराज चल रहा है।
-बता दें, कि इस बैठक में उम्मीदवारों के साथ-साथ बीएसपी के जोनल को-ऑर्डिनेटर और प्रभारी भी शामिल थे।
-गौरतलब है कि बसप ने अभी तक 403 में से 300 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है।