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ताजनगरी के मदरसा में नहीं हुआ राष्ट्रगान, लोग बोले- RSS की साजिश है
हाल ही में प्रदेश सरकार ने आदेश दिया था कि सूबे के सभी मदरसों में स्वन्त्रता दिवस का जश्न मनाया जाएगा । जश्न के साथ देश का राष्ट्रगान भी पढ़ा जाएगा
आगरा: हाल ही में प्रदेश सरकार ने आदेश दिया था कि सूबे के सभी मदरसों में स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जाएगा । जश्न के साथ देश का राष्ट्रगान भी पढ़ा जाएगा और मदरसों की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। लेकिन सरकार के शासनादेश को आगरा के मदरसा में नकार दिया।
यहां आजादी का जश्न अपने तरीके से मनाया गया। झंडा फहराया गया। 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' ये तराना भी गाया। मगर ना तो राष्ट्रगान हुआ और नाही वीडियोग्राफी हुई। इसके अलावा वहां सिर्फ अल्लाह और उलेमाओं का जिक्र हुआ। किसी भी वीर या देशभक्त को श्रंद्धाजलि नहीं दी गई।
RSS की साजिश है- सगीर अहमद (मदरसा सदस्य)
सरकार ने कहा है तो हम कुछ नहीं कह सकते है। हम जश्न मनाते है। जश्न मनाते रहेेंगे। लेकिन एक कौम या एक ही समाज को टारगेट क्यों किया जाता है? मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने इससे पहले मदरसों में राष्ट्रगीत राष्ट्रगान का दुख देखा नहीं था। अगर सरकार को वीडियोग्राफी करानी है तो अपने लोग भेजे। ईसाई स्कूल में क्यों नही होती? ये आरएसएस की साजिश है ।
क्या बोले मौलाना कलीम उद्दीन (प्रिंसिपल)?
- मदरसा के प्रिंसिपल मौलाना कलीम उद्दीन ने कहा कि यह तो बरहाल हुकूमत ने कहा है कि मदरसों में राष्ट्रगान होना चाहिए। मगर आजादी का जश्न मनाना हमारी जिम्मेदारी है। क्योंकि हमने भी कुर्बानियां दी है। और हमारे ऊपर किसी को शक हो कि हम इसका विरोध करेंगे तो हमारी समझ से की बाहर बात है। हिंदुस्तान को आजाद कराने में हमारा बराबर का हाथ है। ये राष्ट्रगान अंग्रेजों के लिए बनाया था ताकि वह खुश हो जाएं। जब हम जब हम अंग्रेजों की मुखालफत कर रहे हैं तो हमें इस से भी दूर रहना चाहिए।