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इलाहाबाद HC: प्रोन्नति के लिए योग्य टीचर न मिलने पर की जाए सीधी भर्ती
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रोन्नति कोटे और सीधी भर्ती कोटे के पदों का निर्धारण एक साथ किया जाए। प्रोन्नति कोटे में यदि योग्य अभ्यर्थी न हो तो उसे सीधी भर्ती में शामिल कर लिया जाए।
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय वृहद पीठ ने चार एक के बहुमत से इंटरमीडिएट कॉलेजों में प्राचार्य और प्रवक्ता पद की सीधी भर्ती और प्रोन्नति के लिए सीटों के निर्धारण पर दो पूर्ण पीठों के बीच मतैक्य न होने को लेकर उठे विधि प्रश्न को तय कर दिया है।
वृहद पीठ ने कहा है कि प्रोन्नति कोटे और सीधी भर्ती कोटे के पदों का निर्धारण एक साथ किया जाए और प्रोन्नति कोटे में यदि योग्य अभ्यर्थी न मिलने से पद खाली रह जाता है तो उसी समय उसे सीधी भर्ती में शामिल कर लिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि शैक्षिक माहौल कायम रहे और छात्रों को समय से शिक्षक मिल सके।
यह फैसला जस्टिस वी.के.शुक्ला, जस्टिस अरूण टंडन, जस्टिस पी.के.एस.बघेल, जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस एम.सी.त्रिपाठी की वृहद पीठ ने साधना की विशेष अपील पर दो पूर्ण पीठों में मतभिन्नता से उठे प्रश्न को निर्णीत करते हुए दिया है।
जस्टिस बघेल ने अलग फैसला लेते हुए असहमति प्रकट की है। कोर्ट ने कहा है कि प्रबंध समिति निर्धारित अवधि के भीतर योग्य अभ्यर्थियों का निर्धारण करेगी और सीधी भर्ती में आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा।
चयन वर्ष के प्रथम दिवस निर्धारण मानक माना जाएगा। दोनों की अलग सूची नहीं होगी। एक साथ ही सीधी भर्ती और प्रोन्नति कोटे की सूची तैयार की जाएगी। ऐसा प्रबंधक की मनमानी और भाई-भतीजावाद पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है।