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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूछा- लू से मौत पर सरकार की क्या है कार्य योजना ?
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 के तहत लू लगने से मौत पर आर्थिक सहायता देने की कार्ययोजना और गाइडलाइन के साथ प्रमुख सचिव को 20 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह आदेश चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस यशंवत वर्मा की खंडपीठ ने वकील अक्षय मोहिले की जनहित याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि मार्च से जून तक का मौसम काफी गर्म रहता है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों का तापमान 40 से 45 डिग्री तापमान हो जाता है और भारी संख्या में लू लगने से मौतें होती है।
याची का कहना है कि प्रदेश सरकार ने योजना बना ली है। 500 करोड़ का फंड भी बन गया है, लेकिन इसे लागू करने की कार्ययोजना तैयार नहीं की गई है। याचिका में गर्म हवा विशेष कार्ययोजना तैयार करने की मांग की गई है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य कार्यपालक कमेटी का गठन किया जा चुका है। याचिका में राज्य आपदा राहत कोष और जिला आपदा राहत कोष गठित करने की मांग की गई है और निर्देश देने की मांग की गई है कि योजना को अमल में लाने की गाइडलाइन तैयार की जाए और लू से मौत को आपदा अधिसूचित किया जाए।
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देवरिया जेल में ही रहेंगे सांसद अतीक अहमद, हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (13 अप्रैल) को फूलपुर के पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद को नैनी सेंट्रल जेल से देवरिया जिला जेल भेजे जाने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है। अतीक शियाट्स परिसर में हमले के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद थे। इसके बाद योगी सरकार ने अतीक को नैनी से देवरिया जेल भेज दिया।
सरकार के इस आदेश को याचिका में चुनौती दी गई थी। कहा गया था कि सरकार का यह आदेश राजनैतिक विद्वेषपूर्ण भावना से से प्रेरित है। इलाहाबाद सेंट्रल जेल नैनी से देविरया जिला कारागार में भेजने से पहले शासन ने संबंधित कोर्ट से अनुमति नहीं ली।
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यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस हर्ष कुमार की खंडपीठ ने अतीक अहमद की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कैदी को एक जेल से दूसरे जेल में भेजने में कोई अवैधानिकता नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अतीक के खिलाफ शियाट्स के प्रॉक्टर रामकिशन सिंह की याचिका पर 18 अप्रैल को सुनवाई करने को कहा है। इस मामले में अतीक के वकील की तरफ से कहा गया है कि इसमें कोर्ट बहस की कोई और तारीख तय करे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के उनके वकील आज बहस में नहीं आ सके हैं।