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इफ्तार पार्टी से UP में ओवैसी ने दी दस्तक,राजनीतिक दलों में मची खलभली
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री के बाद प्रमुख पार्टियों का राजनीतिक समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है। खासकर ओवैसी के मैदान में उतरने से समाजवादी पार्टी के हाथ से मुस्लिम लाबी खिसक सकती है। रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी के साथ ओवैसी ने मुस्लिमों को जोड़ने की रणनीति बनाई है।
वेस्ट यूपी में मुस्लिम मतदाताओं के समीकरणों को भांपते हुए AIMIM सांसद ओवेशी ने सबसे पहले चोट कर दी है। ओवेशी 20 जून को मुरादाबाद में आयोजित इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंच रहे हैं। इस पार्टी से यूपी के प्रमुख दलों में खलबली मच गई है।
यूपी विधानसभा 2017 के चुनावों में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन(AIMIM) एक बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकती है। असदुद्दीन ओवैसी चुनाव दर चुनाव मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करते आ रहे हैं। इससे पहले महाराष्ट्र निगम और विधानसभा चुनावों में एआईएमआईएम अपनी ताकत की झलक दिखा चुकी है।
क्या है ओवैसी का हथियार
-असदुद्दीन औवेसी की राजनीतिक शैली और उनकी आक्रामक वाकपटुता उन्हें दूसरे अल्पसंख्यक नेताओं से अलग खड़ा करती है।
-ओवैसी मुद्दों पर पकड़ रखते हैं और बातचीत का स्पष्ट व तर्कपूर्ण लहजा पेश करते हैं।
-उन्हें आजम खान और अबु आजमी की कतार में नहीं खड़ा किया जाता।
-ओवैसी का सबसे बड़ा अस्त्र सोशल मीडिया है वह इस पर खासे एक्टिव हैं।
-हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी पर उनकी अच्छी पकड़ है और वे यूपी में मुस्लिम वोटों के भरोसे बैठे नेताओं का चुनावी गणित बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं।