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यूपी में खाकी पर फिर हमला, ASI का खुद की सर्विस रिवॉल्वर से हुआ मर्डर

Admin
Published on: 25 Feb 2016 6:23 AM GMT
यूपी में खाकी पर फिर हमला, ASI का खुद की सर्विस रिवॉल्वर से हुआ मर्डर
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पीलीभीत: यूपी में खाकी पर लगातार हमले हो रहे हैं। कभी इनकी पिटाई हो जाती है तो कहीं इनका मर्डर कर दिया जाता है। ताजा मामला पीलीभीत का है, जहां बीती रात एक युवक ने एएसआई की गोली मारकर हत्या कर दी। वो कोतवाली पूरनपुर में तैनात था। घटना रात 3 बजे की है। गश्त के दौरान एक युवक एएसआई की रिवॉल्वर लेकर की अंधाधुंध फायरिंग कर रहा था। फायरिंग में बेंकट हाल से लौट रहे दो वेटर भी गंभीर रूप से घायल हो गए है।

क्यों दिया घटना को अंजाम?

बेंकट हॉल के मालिक नीशू ने बताया है कि बुधवार शाम पुलिस गश्ती के दौरान ये घटना घटी है।जब पुलिस की गाड़ी बेंकट हॉल के पास पहुंची तो एक युवक ने अचानक पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। एएसआई सुभाष ने युवक को पकड़ने की कोशिश की उसी दौरान इस युवक ने एएसआई का सर्विस रिवॉल्वर खींच लिया और अचानक अंधाधुंध फायरिंग करने लगा। उसकी एक गोली सुभाष चन्द्र यादव के सीने में लग गई, जिससे घटना स्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इस दौरान बेंकट हॉल से लौट रहे दो वेटर भी घायल हो गए। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

आरोपी गिरफ्तार

हत्या का आरोपी युवक गिरफ्तार हो गया है। पुलिस के मुताबिक युवक राजेंद्र पुत्र रामस्वरूप निवासी ग्राम बलरामपुर कोतवाली पूरनपुर का रहने वाला है वो मानसिक विक्षिप्त है। मृतक एएसआई सुभाष यादव जनपद फरुखाबाद के मूल निवासी है। राज्य पुलिस पर हमला कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी पुलिसकर्मी इस तरह के हमले के शिकार रहे है।

राज्य की कानून-व्यवस्था ध्वस्त

मंगलवार को विधानसभा में पेश एक रिपोर्ट ने राज्य की कानून-व्यवस्था की खस्ताहाल उजागर हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक़, सपा सरकार के चार साल के कार्यकाल में पुलिस पर 1,044 हमले हुए। वहीं, मायावती के पांच साल के कार्यकाल में पुलिस को 547 बार पिटना पड़ा।

विधान सभा में बीजेपी के विधायक डॉ. राधा मोहन अग्रवाल के पूछे गए एक सवाल के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आजम खान ने बताया कि बसपा के शासनकाल में पुलिस कुल 547 बार पिटी, जबकि सपा सरकार के सरकारी आंकड़ों में यह संख्या 1,044 हैं।

बसपा शासनकाल में पुलिस की पिटाई का ब्यौरा:

-साल 2007-08 में पुलिस पर 75 हमले हुए।

-साल 2008-09 में यह आंकड़ा 101 हो गया।

-साल 2009-10 में पुलिस पर 103 हमले हुए।

-साल 2010-11 में पुलिस पर 124 हमले हुए।

-साल 2011-12 में पुलिस पर 144 हमले हुए।

सपा शासनकाल मे पुलिस की पिटाई का ब्यौरा:

-साल 2012-13 में पुलिस पर 202 हमले हुए।

-साल 2013-14 में पुलिस पर 264 हमले हुए।

-साल 2014-15 में पुलिस पर 300 हमले हुए।

-साल 2015-16 में पुलिस पर 278 हमले हुए।

आंकड़े देखने के बाद बीजेपी नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि आंकड़े बता रहे हैं कि सैयां भये कोतवाल.. जैसा मामला लग रहा था। इस पर आजम खान ने भी तंज कसते हुए कहा खी हमारे माननीय सदस्य जिस समय की बात करे रहे हैं उस समय तो मुकदमे दर्ज ही नहीं होते थे। अब मुकदमें दर्ज हो रहे हैं तो यह आंकड़े नज़र आ रहे हैं।

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