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Lucknow News: जीनोम सीक्वेंसिंग से पता चलेगा वायरस में बदलाव, 2-3 हफ्ते में मिलेगा केरल से लौटी नर्स का रिपोर्ट

Lucknow News: केरल से लखनऊ लौटी पीजीआई की नर्स व पूरे परिवार से चार लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Shweta
Published on: 4 Aug 2021 10:17 PM IST
डॉ अमिता जैन
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डॉ अमिता जैन

Lucknow News: केरल से लखनऊ लौटी पीजीआई की नर्स व पूरे परिवार से चार लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया और पूरे परिवार की जांच कराकर सैम्पल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) भेज दिया गया था। साथ ही बलरामपुर अस्पताल में आठ लोगों का एंटीजन टेस्ट कराया गया और परिवार के संपर्क में आए 122 अन्य लोगों की जांच कराई गई।

इस सम्बंध में जब 'न्यूज़ट्रैक' ने केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ अमिता जैन से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि 'इस रिपोर्ट को आने में अभी वक्त लगेगा। पर्याप्त सैम्पल्स होने पर ही जांच शुरू की जाएगी। जांच करने में एक हफ़्ते से दस दिन का समय लगता है।'

क्या होती है जीनोम सीक्वेंसिंग

डॉ अमिता जैन के मुताबिक- वायरस में आए बदलावों को पहचानने के लिए ज़ीनोम सिक्वेंसिंग का सहारा लिया जाता है। उन्होंने बताया कि कोई वायरस कैसा दिखता है या कैसा है, इसकी जानकारी ज़ीनोम से मिलती है। उन्होंने कहा कि वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं। इससे ही कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में पता चला है।

भारत में इन जगहों पर होती है जीनोम सीक्वेंसिंग


भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (नई दिल्ली), सीएसआईआर-आर्कियोलॉजी फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (हैदराबाद), डीबीटी - इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (भुवनेश्वर), डीबीटी-इन स्टेम-एनसीबीएस (बेंगलुरु), डीबीटी - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG), आईसीएमआर- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे) जैसी कई लैब हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में लखनऊ के केजीएमयू व वाराणसी के बीएचयू में पीपीपी मॉडल के तहत लैब बनाई गई हैं।

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