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Lucknow News: CM योगी का बड़ा एक्शन, भ्रष्टाचार के आरोप में पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र निलंबित
Lucknow News: योगी सरकार ने आज अनियमितता के आरोप में आज 1987 बैच के पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र को बर्खास्त कर दिया गया है।
Lucknow News: जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही प्रदेश की योगी सरकार ने आज अनियमितता के आरोप में आज 1987 बैच के पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप पाए गए हैं। उन पर नोएडा विकास प्राधिकरण के दौरान पद पर रहते नियमविरूद्व काम करने के आरोप में पद से हटाया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि अगस्त में नोएडा में रिटायर्ड कर्नल और पीसीएस अधिकारी के बीच एक विवाद के बाद उन्हे निलम्बित किया गया था।
गौरतलब है कि अगस्त 2018 में नोएडा में रिटायर्ड कर्नल और पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र के बीच एक विवाद के बाद उनको निलंबित कर दिया गया था। तब यूपी पीसीएस एसोसिएशन ने मुख्य सचिव से वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी व मुजफ्फरनगर के निलंबित एडीएम हरिश्चंद्र और रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान से जुड़े विवाद की निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने की मांग की थी।
यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें इस तरह प्रदेश के तीन बड़े अधिकारियों को वीआरएस दिया गया हो। इससे पहले लगभग 325 अफसर व कर्मियों को जबरन रिटायर किया जा गया था। इसके अलावा भ्रष्ट लोगों पर निलम्बन और डिमोशन की कार्रवाई की गई है। जुलाई 2019 में योगी सरकार ने 200 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को जबरन वीआरएस दिया है जबकि 400 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को बृहद दंड दिया है। योगी आदित्यनाथ ने मार्च 2017 को यूपी की सत्ता संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को सरकारी की नीति घोषित की थी। इसके तहत प्रदेश में पहली बार भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने की नीति पर अमल करना शुरू किया गया।
यूपी में अब यह बात पूरी तरह से साफ हो चुकी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर विभाग पर पैनी नजर है और वह किसी भी ऐसे अधिकारी और कर्मचारी को सरकार में रखना नहीं करना चाहते हैं जिस पर कोई दाग हो। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में भ्रष्टाचार तथा भ्रष्टाचारी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं। अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ ने हर विभाग को देखा और परखा। इसके बाद भ्रष्टाचारी को सख्त से सख्त सजा देने का काम किया हैं।
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