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Lucknow News: योगी सरकार ने तोड़ा गेहूं खरीद का रिकॉर्ड, UP में कभी नहीं हुई इतनी खरीद

Lucknow News: सरकार ने चालू सीजन में 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 12 July 2021 9:06 PM IST
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गेहूं (फोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: कोरोना वायरस संक्रमण काल में भी उत्तर प्रदेश में गेहूं की रिकार्ड खरीद हुई है। सरकार ने चालू सीजन में 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदकर गेहूं खरीद का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस खरीद से 12.98 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। वर्तमान आरएमएस 2021-22 के दौरान उत्तर प्रदेश में 12.98 लाख किसानों से रिकॉर्ड 56.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई है जो कि राज्य के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक खरीद है।

किसानों को एमएसपी के रूप में कुल 11141.28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। आरएमएस 2020-21 की तुलाना गेहूं की खरीद में 58% की वृद्धि हुई है। पिछले साल 6.64 लाख किसानों से कुल 35.77 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी।
खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान भी उत्तर प्रदेश में रिकार्ड धान की खरीद की गयी थी। केएमएस 2020-21 के दौरान उत्तर प्रदेश के 10.22 लाख किसानों से 66.84 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीद की गयी थी। यह राज्य के इतिहास में धान की अब तक की सबसे अधिक खरीद है। उत्तर प्रदेश के किसानों को एमएसपी के रूप में कुल 12491.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।


विपणन सीजन आरएमएस 2021-22 के अंतर्गत अधिकांश राज्यों में गेंहू की खरीद समाप्त हो गयी है। 8 जुलाई तक कुल 433.32 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है जो कि पिछले साल के रिकार्ड 389.92 लाख मीट्रिक टन से अधिक है। 85,581.02 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य से आरएमएस खरीद कार्यों से लगभग 49.16 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं।
2020-21 खरीफ के सीजन में 866.05 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद 8 जुलाई तक की जा चुकी है ,जो कि पिछले साल से अधिक है।1,63,510.77 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य के साथ चल रहे केएमएस खरीद कार्यों से लगभग 127.72 लाख किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं।इस साल धान की खरीद इस समय अपने सबसे उच्चतम स्तर पर है, क्योंकि पिछले साल यह महज 773.45 मीट्रिक टन ही था।



Dharmendra Singh

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