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अखलाक की हत्या के बाद आजम ने UN को लिखा था लेटर, अब साध ली चुप्पी
रामपुर: सपा सरकार के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री आजम खान ने अखलाक की हत्या के बाद यह मुद्दा यूएन के सामने उठाया था। पार्टी की नाराजगी के बावजूद आजम खान ने यूएन महासचिव बान की मून को चिट्ठी लिख डाली थी, लेकिन अब जब गुरुवार को कोर्ट ने बिसाहड़ा कांड मामले में अखलाक और उसके परिवार के खिलाफ गो हत्या का केस दर्ज किए जाने का आदेश दिया तो आजम खान ने चुप्पी साध ली है।
बता दें, कि आजम खान ने अक्टूबर 2015 में यूपी के मुरादाबाद में सपा सरकार को दादरी कांड के मामले में खुली चुनौती दी थी। सीएम अखिलेश के मना करने के बावजूद भी आजम खान ने कहा थी कि वे मंत्री पद की कुर्बानी के लिए तैयार हैं, लेकिन यूएन महासचिव को लेटर जरुर लिखेंगे।
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गुरुवार को आजम खान ने रामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मियों के सवाल पर आरएसएस और शीला दीक्षित पर तीखी टिप्पणी की, लेकिन जब उनसे बिसहाडा कांड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
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आरएसएस पर बापू की हत्या का इल्जाम
-आजम खान ने कहा कि आरएसएस एक विवादित संस्था है।
-आरएसएस पर बापू की हत्या का इल्जाम है।
-बापू की हत्या के बाद आरएसएस को जिम्मेदार मानते हुए बैन किया गया था
-साथ ही गृह मंत्री सरदार पटेल की नजर में भी आरएसएस एक सांप्रदायिक संस्था थी।
-आजम खान ने कहा कि उसी संस्था के साथ केंद्रीय मंत्री की विभागीय बैठक का आहूत होना अफसोसजनक है।
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शीला दीक्षित पर ली चुटकी
-यूपी में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस का चेहरा शीला दीक्षित होंगी इस पर चुटकी लेते हुए आजम खान ने कहा कि बुजुर्गों की भी जरूरत होती है दुआ के लिए।
-बीमार कांग्रेस के लिए शीला दीक्षित दुआ का काम करेंगी।
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शिक्षा गलत ट्रैक पर चल रही
-शिक्षा नीति में बदलाव पर आजम खान ने कहा है कि सच्चर कमेटी रिपोर्ट के मुताबिक अल्पसंख्यकों की शिक्षा का स्तर दलितों से भी बदतर है।
-आजम खान ने कहा कि केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों की एक मात्र यूनिवर्सिटी को भी खत्म कर दिया।
-अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों को शिक्षा से संबंधित राय देने का अधिकार भी नहीं है।
-शिक्षा के भगवाकरण पर आजम खान ने कहा कि शिक्षा गलत ट्रैक पर चल रही है।