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Baghpat News: बागपत में स्तनपान कक्ष की पहल अधूरी: एक बूथ का उद्घाटन, दूसरा ताले में बंद
Baghpat News: बागपत जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने रोडवेज बस स्टैंड पर बने बूथ का फीता काटकर शुभारंभ किया। इस हाईटेक और पर्यावरण-संवेदनशील बूथ को 350 किलो प्लास्टिक, 170 किलो आयरन स्क्रैप और 15 किलो लकड़ी से निर्मित किया गया है।
बागपत में स्तनपान कक्ष की पहल अधूरी (PHOTO: SOCIAL MEDIA )
Baghpat News: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मातृत्व को सम्मान देने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत तो हुई, लेकिन यह अधूरी तैयारी के साथ जमीन पर उतरी। जिले के बड़ौत क्षेत्र में दो स्तनपान कक्ष (ब्रैस्टफीडिंग बूथ) स्थापित किए गए— एक रोडवेज बस स्टैंड बावली चुंगी पर और दूसरा बाजार पुलिस चौकी के पास। हालांकि, इन दोनों में से सिर्फ बस स्टैंड स्थित बूथ का ही सोमवार को औपचारिक उद्घाटन किया गया, जबकि दूसरा बूथ अब भी ताले में बंद पड़ा रहा।
बागपत जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने रोडवेज बस स्टैंड पर बने बूथ का फीता काटकर शुभारंभ किया। इस हाईटेक और पर्यावरण-संवेदनशील बूथ को 350 किलो प्लास्टिक, 170 किलो आयरन स्क्रैप और 15 किलो लकड़ी से निर्मित किया गया है। लेकिन कार्यक्रम के दौरान बाजार पुलिस चौकी पर बना दूसरा बूथ बिना उपयोग के पड़ा रहा, जिससे प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठे।
कई जिलों में पहले से स्तनपान बूथ स्थापित किए जा चुके
यह प्रयास, हालांकि, जिले के लिए अपनी तरह का पहला कदम है, लेकिन प्रदेश में यह नई बात नहीं है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पहले से स्तनपान बूथ स्थापित किए जा चुके हैं। 2019 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इन कक्षों को सभी सरकारी दफ्तरों व सार्वजनिक स्थलों पर लगाने के निर्देश दिए थे, जिसके लिए ₹2.5 करोड़ का बजट भी आवंटित हुआ था। अब तक गाजियाबाद, कुशीनगर, बाराबंकी, गाजीपुर, ललितपुर और अलीगढ़ जैसे शहरों में इन बूथों की स्थापना हो चुकी है। गाजियाबाद महिला अस्पताल (अक्टूबर 2024), कुशीनगर के कसया बस स्टैंड, बाराबंकी जंक्शन (जनवरी 2020), गाजीपुर (अगस्त 2021), ललितपुर (2023), और अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज (जनवरी 2025) में स्तनपान कक्ष समाज में माताओं के लिए सहूलियत और सम्मान के प्रतीक बन चुके हैं।
बागपत में यह पहल डॉ. अभिनव तोमर, जो कि बड़ौत क्षेत्र के प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ और लिटिल फीट फाउंडेशन के संस्थापक हैं, की सोच और प्रतिबद्धता का परिणाम है। उन्होंने जिला प्रशासन के साथ मिलकर इसे अमलीजामा पहनाया। इस शुभारम्भ के मौके पर बड़ौत नगर पालिका चेयरपर्सन बबिता तोमर भी उपस्थित रहीं। हालांकि कार्यक्रम की मंशा सराहनीय है, लेकिन अधूरी तैयारी यह संकेत देती है कि जमीनी स्तर पर ऐसी योजनाओं को सफल बनाने के लिए प्रशासन को सुनियोजित कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान देना होगा।
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