Banda News: यूपी के बांदा में खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है, कि वह नदियों का अस्तित्व खत्म करने पर ही आमादा हो गए हैं। जहां एक तरफ पोकलैंड मशीन लगाकर नदी की जलधारा को प्रभावित करके बालू निकाली जा रही है। वहीं, दूसरी ओर एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। खनन माफिया नदियों के अस्तित्व को खत्म करने पर ही उतारू हो गए हैं। बीच नदी में पुल बनाकर ट्रकों और ट्रैक्टरों से बागे नदी से बालू की निकासी करा रहे है, जिससे कि हजारों प्रजातियों के जलीय जीव खत्म हो रहे है। आपको बता दें कि अवैध खनन के लिए नदी में पुल बनाने का मामला सामने आया है। अतर्रा तहसील क्षेत्र के महुटा गांव में यहां पर एक मौरंग की खदान का पट्टा किया गया है, खनन के नाम पर ठेकेदार द्वारा नदी की बीच जलधारा से मौरंग निकाली जा रही है, जिससे नदी का स्वरूप बदल दिया गया है। ट्रकों की निकासी के लिए नदी के इस तट से उसे तट तक के लिए पुल बना दिया गया है। सीमेंट, बालू, मिट्टी, पत्थर और ईंट डालकर के अवैध पक्के पुल का निर्माण किया गया है। पुल भले ही अभी बने चंद दिन ही हुए हैं लेकिन, आसपास के ग्रामीणों को और गांव के लोगों को नदी के अस्तित्व का भय सता रहा है।ग्रामीणों को जिलाधिकारी से उम्मीद गुर्गों के भय से ग्रामीण ऐसे माफियाओं का विरोध भी नहीं कर पाते हैं। जनपद में जिलाधिकारी बांदा दुर्गा शक्ति नागपाल की कई बड़ी कार्रवाई करने के बाद अब यहां के स्थानीय लोगों में उम्मीद की एक नई आस जगी है। ग्रामीणों को भरोसा है कि बागै नदी अस्तित्व बचाने के लिए जिला प्रशासन आगे आएगा।