TRENDING TAGS :
11 चिताओं के साथ जलता रहा 11 परिवारों का भविष्य, क्या सरकार ने देखा?
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कल से शुरू हुआ मौतों का आंकड़ा जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे वैसे प्रशासन की धड़कने बढ़ती है। इन मौतों की सफाई देने पूरा प्रशासनिक अमला सामने आ गया और मौत की वजह बताने में जुट गया। इस आरोप प्रत्यारोप और बचाव के बीच असल सवाल का दम घुट कर रह गया ।
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कल से शुरू हुआ मौतों का आंकड़ा जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे वैसे प्रशासन की धड़कने बढ़ती है। इन मौतों की सफाई देने पूरा प्रशासनिक अमला सामने आ गया और मौत की वजह बताने में जुट गया। इस आरोप प्रत्यारोप और बचाव के बीच असल सवाल का दम घुट कर रह गया ।
देवा इलाके में 11 चिताएं धधक रही थी और उसी के साथ धधक -धधक कर जल रहा था 11 परिवारों का भविष्य। प्रशासन मौत की असल वजह बताने में जुटा हुआ था और उधर 11 परिवारों का भविष्य का दिया बुझता जा रहा था। प्रशानिक बचाव की रफ्तार में यह सवाल काफी पीछे छूट गया कि आखिर इन परिवारों का अब क्या होगा?
- हम बात कर रहे है बाराबंकी जनपद के देवा थाना इलाके में कल हुई 11 मौतों की।
- कल तक जो अधिकारी इस मामले पर कुछ कहने को तैयार नहीं थे, वो आज मामले की लीपापोती कर रहे हैं।
- मगर उन मजबूर परिवारों के बारे में कोई नहीं सोच रहा जिनके यहाँ कमाई का एक लौता जरिया भी चीता में जलकर राख हो गया।
इस प्रशानिक अमले की अगुवाई जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी , पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी रमेश चन्द्रा कर रहे थे। जिलाधिकारी ने 11 में से 3 मौतों का ठीकरा स्प्रिट पीने के मामले पर फोड़ा और बाकी 8 की स्वाभाविक मृत्यु बता कर मामले की इतिश्री कर ली।
मगर इन सवालों के जवाब में वह असल सवाल पीछे छूट गया जो मृतकों के परिवारों से जुड़ा हुआ था । उन गरीब परिवारों के बारे में जिलाधिकारी ने कुछ भी नही बताया जो उनके भविष्य से जुड़ा हुआ है। मृतकों के परिवार की अपनी अलग-अलग समस्याएं हैं।
दर्द भरी हकीकत:
- मृतक राकेश की 3 लड़की और 2 लड़के है। राकेश अपनी बड़ी लड़की का विवाह आने वाली फरवरी माह में करने की सोंच रहा था। - अब राकेश के जाने के बाद उसकी बेटी का हाथ कौन पीला करेगा और बाकी लड़कियों की शादी कैसे होगी?
- उसके बेटों का भविष्य कैसे सुधरेगा? यह विचारणीय प्रश्न है जिस पर प्रशासनिक अफसरों को सोंचना चाहिए था।
इसी तरह मुन्नी पुरवा गाँव के कमलेश जिनके 4 बच्चे हैं और इसी गाँव के रामफल जिनके 2 बच्चे है, इनके भविष्य का अब क्या होगा?
इस घटना ने जहाँ सबको झकझोर दिया है तो वहीं राजनेता राजनीति से भी बाज नही आ रहे है। समाजवादी पार्टी से स्थानीय विधायक ने सरकार पर ही आरोप मढ़ते हुए कहा कि सरकार को गरीबों का ध्यान नही है। यह लोग न कुछ कर रहे है और न ही करना चाह रहे है ।
भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव ने कहा कि पीड़ित परिवार के साथ उनकी पूरी संवेदना है और सरकार इन परिवारों के साथ खड़ी है ।
लेकिन सवाल यही है कि क्या इस मामले में प्रशासनिक बचाव, राजनैतिक दलों के आरोप प्रत्यारोप के बीच पीड़ित परिवारों की कोई सुनेगा या नहीं ।