×

दिल्ली में BJP की हार! इसलिए लग रहा तगड़ा झटका, 'चाणक्य' हुए फेल

राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना ​​है कि दिल्ली में बीजेपी ने जिस हिसाब से शाहीन बाग को लेकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश की वह काम नहीं आई।

Shivakant Shukla
Published on: 11 Feb 2020 5:46 AM GMT
दिल्ली में BJP की हार! इसलिए लग रहा तगड़ा झटका, चाणक्य हुए फेल
X

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। लेकिन एग्जिट पोल और शुरूआती रूझानों के मुताबिक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ही सरकार बनने जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो आइए हम आपको बताते हैं दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के हार की वजहों के बारे में...

1. गरीबों का वोट ‘आप’ को

केजरीवाल ने जिस तरह से एक महीने में दो सौ यूनिट बिजली और 20,000 लीटर पानी मुफ्त दीया, उससे आम लोगों और गरीब परिवारों की जेब पर बोझ कम हुआ है। लाभार्थी के गरीब वर्ग को चुनाव में मूक मतदाता के रूप में देखा जाता है। बिजली कंपनियों के आंकड़ों के बारे में बात करते हुए, 1 अगस्त को योजना की घोषणा के बाद, कुल 52 लाख 27 हजार 857 घरेलू बिजली कनेक्शनों में से, 14,64,270 परिवारों का बिजली बिल शून्य आया। अगर लाभार्थी झाड़ू पर बटन दबाता है, तो आम आदमी पार्टी की वापसी का रास्ता आसान हो जाएगा।

ये भी पढ़ें—AAP का साथ छोड़ने वाले ये नेता: जानें, दिल्ली चुनाव में आज क्या हुआ इनका हाल…

2. सीएए का असर

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद से मुसलमानों की एक बड़ी आबादी डरी हुई है। मुसलमान उस पार्टी को वोट देना चाहते हैं जो बीजेपी को हराने में सक्षम है। दिल्ली के चुनावों में कांग्रेस कहीं नहीं दिख रही है, ऐसे में मुस्लिम वोटों का बहुमत आम आदमी पार्टी को मिलने वाला है। दिल्ली में सीलमपुर, ओखला आदि सीटों पर मुसलमान निर्णायक स्थिति में हैं।

3. महिलाओं को नजर अंदाज करना

बीजेपी ने महिलाओं पर उतना फोकस नहीं किया जितना AAP ने। केजरीवाल सरकार ने 30 अक्टूबर को भैयादूज से बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सौंपी। एक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली में हर दिन लगभग 13 से 14 लाख महिलाएं बसों में यात्रा करती हैं। ऐसे में अगर महिलाओं को झाड़ू का बटन पसंद आया तो यह बीजेपी के लिए परेशानी का सबब होगा।

ये भी पढ़ें—यही बनेंगे दिल्ली के सीएम! जल्द होगा शपथ ग्रहण समारोह

4. स्कूलों की बदलती स्थिति

ऐसे दावे जो दिल्ली के स्कूलों की हालत सुधारते हैं, लेकिन इसका सबसे ज्यादा फायदा निजी स्कूलों की फीस पर अंकुश लगाकर मध्यम वर्ग के लोगों तक पहुंचना बताया जा रहा है। खुद आम आदमी पार्टी के एक सूत्र के मुताबिक, दिल्ली के ज्यादातर स्कूल कांग्रेस और भाजपा नेताओं द्वारा चलाए जाते हैं। ऐसे में केजरीवाल ने फीस को कड़ा कर दिया। इसका लाभ मध्यम वर्गीय परिवारों को मिला है। यह वर्ग मतदान में भी बड़ी भूमिका निभाता है।

5. राजनीतिक विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना ​​है कि दिल्ली में बीजेपी ने जिस हिसाब से शाहीन बाग को लेकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश की वह काम नहीं आई।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story