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रायबरेली में भाजपा नेता ने अस्पताल के साथ साथ जिलाधिकारी पर लगाए आरोप, मचा हड़कंप

रायबरेली में आईटीआई(ITI) परिसर में 24 घंटे तक बीजेपी(BJP) नेता का धरना चला। जिससे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।

Narendra Singh
Reporter Narendra SinghPublished By Vidushi Mishra
Published on: 12 May 2021 5:06 AM GMT (Updated on: 12 May 2021 6:36 AM GMT)
The BJP (BJP) leader staged a sit-in at the Vratanta Hospital on the ITI campus in Rae Bareli, UP for 24 hours.
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भाजपा नेता(फोटो-सोशल मीडिया)

रायबरेली: यूपी के रायबरेली(Rae Bareli) में आईटीआई(ITI) परिसर के वृतांत हॉस्पिटल में 24 घंटे तक बीजेपी(BJP) नेता का धरना चला। जिससे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। देर रात पुलिस बल के साथ पहुंची ट्रेनी एसडीएम शिखा ने मौके पर पहुंचकर धरना दे रहे नेताओं को आश्वस्त किया कि 24 घंटे के अंदर कार्यवाही की जाएगी। तब कहीं जाकर धरना समाप्त हुआ। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि अस्पताल संचालक द्वारा मरीजों के तीमारदारों से अवैध वसूली की जा रही है।

कोविड-19 के मरीजों से वसूली व काला बाजारी जैसे अहम मुद्दे को लेकर मंगलवार को बीजेपी के पूर्व नगर अध्यक्ष संतोष कुमार पांडे अपनी सरकार में तीमारदारों के साथ धरने पर बैठ गए थे। बीजेपी नेता ने शहर के आईटीआई स्थिति वृतांत अस्पताल पर बड़ा सवाल खड़ा किया था।

उन्होंने कहा कि मोदी और योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने वाले अस्पताल के खिलाफ तत्काल हो कार्यवाही हो और तीमारदारों से की गई वसूली की रकम वापस हो। दिन भर में धरना स्थल पर स्थानीय पुलिस के अलावा जिले का कोई उच्च अधिकारी पहुंचा ही नही।


24 घंटे तक बीजेपी नेता का धरनाअस्पताल में कोई ठोस व्यवस्था नहीं

बीजेपी नेता ने कहा कि, अस्पताल संचालक डॉ संजय कुमार ने बड़ी सेटिंग कर डीएम को गुमराह किया और कोविड के मरीजों को बेहतर इलाज देने के लिए खुद के अस्पताल को अधिकृत कराकर सरकार को बदनाम कर रहा है। जबकि उपरोक्त अस्पताल में कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। अस्पताल मरीजों को मौत के मुंह में धकेला जा रहा है।

यही नही रेमडेसीविर इंजेक्शन जिसकी कीमत सरकार ने मात्र 18 सौ रुपए तय कर रखा है, उस इंजेक्शन को इस अस्पताल में 25 से 30 हजार में मरीजों को लगाया जा रहा है। भाजपा नेता ने दावा किया कि ठोस कार्यवाही नही हुई और अस्पताल द्वारा की गई वसूली की रकम वापस कर अस्पताल पर मुकदमा दर्ज नही किया गया तो तो कल सुबह आत्मदाह करने के लिए वह मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

इसके बाद देर रात मौके पर पहुंचकर ट्रेनी एसडीएम ने बीजेपी नेता को आश्वासन दिया कि वो 24 घंटे के अंदर कार्रवाई करेगी। तब कहीं जाकर धरना खत्म हुआ। अब देखना ये है कि आपदा को अवसर बनाने वाले अस्पताल संचालक पर कार्रवाई कब और क्या होती है।

Vidushi Mishra

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