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विकास कार्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप की जांच, प्रधान पति ने दे डाली ये चुनौती

जिले के डेरापुर तहसील ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम उदनापुर इन दिनों सुर्खियों में है। ग्राम प्रधान व सचिव पर नियम का उल्लंघन कर विकास कार्य कराए जाने का आरोप है।

Ashiki
Published on: 20 Jun 2020 7:11 PM GMT
विकास कार्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप की जांच, प्रधान पति ने दे डाली ये चुनौती
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कानपुर देहात: जिले के डेरापुर तहसील ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम उदनापुर इन दिनों सुर्खियों में है। ग्राम प्रधान व सचिव पर नियम का उल्लंघन कर विकास कार्य कराए जाने का आरोप है। वहीं विकास कार्यों में किए गए भ्रष्टाचार के मामले में शिकायतकर्ता द्वारा ग्राम पंचायत पर विकास के मामले मे गम्भीर आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता सुशील यादव पुत्र उमाशंकर यादव द्वारा जिला प्रशासन से लेकर शासन तक की गई शिकायत के मामले में अब जांच की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

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प्रधान ने दे डाली चुनौती

प्रथम श्रेणी की ब्लॉक स्तरीय जांच में खण्ड विकास अधिकारी डेरापुर व जेई आरईएस व पंचायत सचिव जांच करने पहुंचे तो ग्राम प्रधान पति हिम्मत सिंह यादव ने उपस्थित जांच टीम व ग्राम के उपस्थित जनों के समक्ष यह भी दावा कर डाला कि कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता चाहे जितनी जांच करा लो। इसका वीडियो भी वायरल हो गया। अब सवाल यह है कि एक तरफ अराजकता हावी है वहीं दूसरी तरफ प्रधान पति ने भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के एवज में सभी को चुनौती दे डाली।

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मनरेगा कार्य में धांधली का भी खुलासा

सबसे अहम बात यह है मनरेगा कार्य में धांधली का भी खुलासा हुआ है, जहां पति काम पर जाता है लेकिन पत्नी के खाते में धनराशि भेजी जा रही है कुछ मायने में यह भी प्रकाश में आया कि पति काम कर रहा है लेकिन पति पत्नी दोनों के खाते में धनराशि भेजी जा रही है। यही नहीं उधारी चुकाने पर मनरेगा का पैसा खाते में डाल कर उधारी चुकाई जा रही है। खोया बनाने वाले राजेंद्र कुमार पुत्र श्रीकृष्ण ने बताया कि मेरी पत्नी निर्मला देवी व मेरे खाते में मनरेगा की धनराशि भेजी गई है। मेरी खोए की उधारी थी उसके एवज में मनरेगा की धनराशि के जरिए 10 हजार का भुगतान किया गया है। उक्त बात जांच टीम के समक्ष कही। उसने कहा लॉकडाउन के दौरान तो मैंने मनरेगा में काम किया है किंतु इससे पूर्व कभी भी मैंने मनरेगा योजना में कोई कार्य नहीं किया।

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विद्यालय बाउंड्री निर्माण में भी धांधली

3 लाख 86 हजार की धनराशि से विद्यालय की नवीन बाउंड्री निर्माण की बात बतायी गयी, किन्तु मौके पर सिर्फ बाउंड्री की मरम्मतीकरण पाया गया। प्रधान व सचिव पर आरोप है इसी कड़ी में शौचालय निर्माण में एक लाख 8000 के टाइल्स लगाए जाने बाउचर दर्शाए गए हैं किंतु इतना टाइल्स शौचालय में न लगाने की भी जांच समिति ने पुष्टि की है। इसी कड़ी में रिबोर के मामले में गोलमाल पर जांच टीम सब कुछ समझ चुकी है। वहीं प्रधान ने आरोपों को निराधार बताया है।

अब देखना यह है कि इस मामले में क्या निर्णय उभर कर सामने आता है और शिकायतकर्ता को कितना न्याय मिल सकेगा सबसे अहम बात तो यह है यह खंड विकास अधिकारी स्तर से गांव में निर्माण के दौरान भ्रमण ना करने व गुणवत्ता के परीक्षण न करने के चलते गांव में भ्रष्टाचार चरम पर होता है।

रिपोर्ट: मनोज सिंह

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