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Jhansi News : अब झांसी होगा 'वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन', नाम बदलने की तैयारी तेज
Jhansi News : झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन' करने की तैयारी है।
Jhansi News : उत्तर प्रदेश सरकार धीरे-धीरे अपने पसंदीदा शहरों और रेलवे स्टेशनों (Railway Station ) के नाम बदलने के प्रस्ताव पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार की झांसी रेलवे स्टेशन (Jhansi Railway Station ) पर नजर पड़ी है। अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन' करने की तैयारी है। इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करके केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।
इस मामले की जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर प्रक्रिया के तहत संबंधित एजेंसियों से उचित कार्यवाही को करने को कहा गया है। साथ ही साथ उस पर उनकी ओर से टिप्पणी मांगी गई है। एक सवाल के जवाब में मंत्री ने लोकसभा में कहा कि जब सभी संबंधित एजेंसियों की ओर से पूरी जानकारी मिल जाएगी, तब इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकता है।
आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय किसी भी रेलवे स्टेशन या स्थान का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव को रेल मंत्रालय, डाक विभाग, भारतीय सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति मांगता है। इसके बाद ही वह पूरी प्रक्रिया को हरी झंडी देता है। इन विभागों को यह बताना होता है कि प्रस्तावित नाम से कोई शहर या गांव रिकॉर्ड में है या नहीं। इसके बाद अगर किसी राज्य के शहर व जगह का नाम बदलना होता है तो उसे संसद में साधारण बहुमत के आधार पर संविधान संशोधन की जरूरत पड़ती है।
आपको बता दें कि इसके पहले भी उत्तर प्रदेश में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय' स्टेशन किया गया था। इसके साथ ही साथ इलाहाबाद शहर का नाम 'प्रयागराज' कर दिया गया है, जबकि फैजाबाद का नाम बदलकर 'अयोध्या' किया गया है। अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की तैयारी है।
झांसी रेलवे स्टेशन का नाम 1857 की क्रांति का चेहरा कही जाने वाली रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर किया जाना है। आपको बता दें कि रानी लक्ष्मी बाई को झांसी की रानी भी कहा जाता है। ऐसे में उनके नाम से रेलवे स्टेशन का नाम रखा जाना उस गौरवशाली इतिहास को याद दिलाने वाला होगा। इतिहास में मौजूद जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर बसा झांसी शहर 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का एक बड़ा केंद्र बिंदु रहा है, यहां पर महारानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की फौज को नाकों चने चबा दिए थे। वह अंग्रेजों की सेना से लड़ते हुए 18 जून 1858 को वीरगति को प्राप्त हुई थीं। यह ऐतिहासिक शहर महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली रहा है। इसके साथ ही साथ बुंदेलखंड आजादी की कई कहानियों को याद दिलाता रहता है।