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सीएम योगी को सुनाई अपनी पीड़ा, लिखा शिकायती पत्र
जिला बस ऑपरेटर्स एसोयिसेशन झांसी ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री उ0प्र0 शासन लखनऊ, मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन लखनऊ, प्रमुख सचिव (परिवहन) उ0प्र0 शासन लखनऊ
झांसी: जिला बस ऑपरेटर्स एसोयिसेशन झांसी ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री उ0प्र0 शासन लखनऊ, मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन लखनऊ, प्रमुख सचिव (परिवहन) उ0प्र0 शासन लखनऊ, परिवहन आयुक्त उ0प्र0 शासन लखनऊ व सम्भागीय परिवहन अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया है कि बुन्देलखण्ड अति पिछड़ा क्षेत्र है। यहां की जनता का आवागमन का साधन निजी बसों के द्वारा ही सस्ता व सुलभ संचालन कराया जाता है। ज्यादातर बसें ही यात्रियों का सस्ता यातायात का साधन है। टैक्स माफ न होने के कारण हमारी बसें अभी तक खड़ी है जिस कारण हमें आर्थिक नुकसान होने के साथ ही, जनता को यातायात का साधन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे जनता में आक्रोस व्याप्त है।
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बुन्देलखण्ड़ की भौगोलिक स्थिती म0प्र0 राज्य से सटी है जिससे म0प्र0 राज्य में जाये बिना संचालन नहीं हो सकता हमारे परमिट भी ज्यादातर अन्तराष्ट्रीय है, म0प्र0 शासन द्वारा बसें चलाने का जो आदेश जारी किया है, उसके अनुसार अन्तराष्ट्रीय संचालन 30 जून तक बन्द रहेगा। म0 प्र0 एंव उ0 प्र0 शासन के आदेशों में भिन्नता है। अत: संचालन करना मुश्किल हो रहा है।
क्योकि झांसी के चारों तरफ लगभग 10 कि0मी0 बाद मध्य प्रदेश की सीमायें ली है, जिससे हमारी बसें म0प्र0 में नहीं जा सकती है, अभी भी हमारी बसें खड़ी है। यह कि महामारी के कारण मुख्य त्यौहारो एंव शादी विवाह के सीजन में बसे खड़ी रही जिससे हम व्यवसाथियो एंव इससे जुड़े कर्मचारी आदि की जीविका का इन्ही चार महीनो में पूरे साल का इन्तेजाम होता है। बाकी बचे आठ महीने सर्दी व बरसात के कारण व्यवसाय घाटे में रहता है, जिस कारण यह व्यवसाय लगभग एक वर्ष पीछे चला गया है।
अन्य राज्यो दवारा टैक्स माफी के निर्णय काफी समय पहले ले लिये गये है लेकिन उ0प्र0 सरकार द्वारा निर्णय के विलम्ब के कारण सभी यात्री बसे खड़ी है, हम लोग अभी तक आशान्वत व प्रतिक्षारत है कि हमारी सरकार भी हम बुन्देलखण्ड के पिछड़े बस मालिकों का भी टैक्स माफ कर देगी, क्योंकि सबसे अधिक नुकसान तो हम लोगों का हुआ है। शादी विवाह की शाहलग, मुख्य त्यौहारों मे हम लोगो की बसे खड़ी रही तथा बस कर्मचारियों का खर्च भी वहन करना पड़ा।
जिस तरह सरकार द्वारा रूस्रूश्व लघुउद्योग आदि के लिए अनेक राहत एंव घोषणाये की है, उसी तरह इस बस व्यवसाय के लिए अभी तक कोई राहत घोषणा नहीं की गई, जबकि इसके संचालन से सरकार को अन्य व्यवसाय के सापेक्ष में सबसे अधिक राजस्व की प्रप्ति होती है, एंव इससे एंव इससे जुड़े रोजगार मे सृजन भी होता है, बसो के असंचालन से सरकार को भी राज्स्व की हानि हो रही है, जलता भी सस्ता व सुलभ परिवहन सेवा से वंचित है, तथा इससे जुड़े लोग रोजगार से वंचित है तथा अन्य उद्योगो के संचालन मे बाधा हो रही है।
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वाहनों का पूर्ण संचालन संभव नहीं है, वाहन स्वामी कार्यालय मे बसों के समर्पण(नॉन-यूज) हेतु गये तो इस महामारी के समय मे खड़ी रही बसो का टैक्स व पेनल्टी बकाया होने के कारण समर्पण(नॉन-यूज) नही की जा रही है। एआआरटीओ कार्यालय में समर्पण(नॉन-यूज) के स्पष्ट आदेश दिये जाऐ व खड़ी रही इन बसो को समर्पित(जॉनन्यूज) ही माना जाऐ। भारत सरकार को संस्तुति भेजी जाए कि कोविड़ा महामारी में खड़ी रही बसों का वीमा समय आगे बढ़ाया जाये तथा निजी एवं सरकारी बैंकों को भी उसी अनुसार ईएमआई किस्तो में छूट एंव ब्याज में छूट दी जाये।
बस व्यवसायियों एवं कर्मचारियों व इसर जुड़े अन्य सभी की स्थित अत्यंत दयनीय हो गई है जिनकी पीड़ा को ध्यान रखते हुए इन्हें आर्थिक मदद करने की मांग की है। इस मौके पर रवि यादव, गौरी सोनी कार्यालय प्रभारी, राजू श्रीनाथ, पंकज तिवारी, प्रिंस, राकेश यादव, निखिल छावड़ा, राजा सिंह, दिलीप शिवहरे, जितेन्द्र यादव, ओमप्रकाश राय आदि रहे।
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