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कैग के एक लाख 54 हजार के लगभग खाली पदों पर कोर्ट ने किया जवाब तलब 

Rishi
Published on: 15 Sept 2017 8:32 PM IST
कैग के एक लाख 54 हजार के लगभग खाली पदों पर कोर्ट ने किया जवाब तलब 
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लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) में एक लाख 54 हजार के लगभग पद खाली होने संबंधी जनहित याचिका पर जवाब तलब किया है। न्यायालय ने कैग के अधिवक्ता को इस संबंध में एक माह में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस डीएस त्रिपाठी की बेंच ने सुनील कांदू की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया। याचिका के अनुसार कैग एक्ट के तहत जिन ऑडिट्स की आवश्यकता है, वे सख्ती से नहीं किए जा रहे हैं।

याचिका में आगे कहा गया कि कैग में एक लाख 54 हजार के लगभग पद खाली हैं, जिन्हें वर्षों से भरा ही नहीं गया। यही कारण है कि इसका प्रभाव कैग के प्रदर्शन पर भी पड़ रहा है। वहीं याचिका में प्रधानमंत्री कार्यालय को पक्षकार बनाए जाने का असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ने विरोध किया।

उनका कहना था कि जो राहत मांगी गई हैं, वे मात्र कैग से संबंधित हैं, पीएमओ से नहीं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने याची को याचिका में से प्रधानमंत्री कार्यालय को बतौर पक्षकार हटाए जाने के निर्देश दिए।

वहीं न्यायालय ने याचिका पर एक माह में जवाब देने का निर्देश कैग के अधिवक्ता को दिया। मामले की अग्रिम सुनवाई एक माह पश्चात होगी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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