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Chandauli News: चंदौली में भाकपा माले का हल्ला बोल: जन समस्याओं के समाधान तक अनिश्चितकालीन धरना
Chandauli News: 10 जून 2025 से तहसील मुख्यालय सकलडीहा पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू होने जा रहा है। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक जनता की ज्वलंत समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।
चंदौली में भाकपा माले का हल्ला बोल (photo: social media )
Chandauli News: चंदौली जिले के सकलडीहा तहसील क्षेत्र की जनता अब अपनी समस्याओं को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा माले) के नेतृत्व में 10 जून 2025 से तहसील मुख्यालय सकलडीहा पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू होने जा रहा है। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक जनता की ज्वलंत समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।
किन मुद्दों पर होगा आंदोलन?
इस धरने में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाएगा, जो लंबे समय से क्षेत्र की जनता को परेशान कर रहे हैं। इनमें प्रमुख रूप से ग्राम सभा धानापुर के हजारों किसानों की जमीन की चकबंदी में हुई हेराफेरी को दुरुस्त कराना, चहनिया में निर्माणाधीन 50 बेड के अस्पताल को जल्द से जल्द चालू करवाना, सकलडीहा के नाले की टेल तक खुदाई सुनिश्चित करना शामिल है।
भूमि अधिकार और विकास के सवाल
इसके अतिरिक्त, ग्राम सभा पपौरा में भूमि प्रबंधन समिति द्वारा प्रस्तावित बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम से जमीन को अभिलेखों में दर्ज कराने, नरौली के 14 दलित परिवारों को आवंटित पट्टे पर कब्जा दिलाने, सकलडीहा इंटर कॉलेज के खेल मैदान का सौंदर्यीकरण कराने की मांग भी आंदोलन में जोर-शोर से उठाई जाएगी।
बिजली विभाग की मनमानी और अन्य समस्याएं
बिजली विभाग द्वारा गलत रीडिंग के आधार पर की जा रही मनमानी वसूली पर रोक लगाने और ग्राम सभा सलेमपुर में चल रहे अखाड़े की जमीन को व्यायामशाला के नाम से दर्ज कराने की मांग भी प्रमुख है। साथ ही, ग्राम सभा सलेमपुर से दिनदासपुर बॉर्डर तक 600 मीटर इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण कार्य, जो कागजों में पूर्ण दिखाया गया है, उसे वास्तव में पूरा कराने के लिए भी दबाव बनाया जाएगा।
भाजपा सरकार पर साधा निशाना
भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य शशिकांत सिंह ने भाजपा की प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाकर सांप्रदायिक नफरत की राजनीति कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विकास के इस दौर में बिजली, पानी, शिक्षा और रोजगार जैसी मूलभूत आवश्यकताओं का निजीकरण किया जा रहा है और जनता से भारी वसूली की जा रही है।
न्यायालय के आदेशों की अनदेखी
शशिकांत सिंह ने आरोप लगाया कि सकलडीहा तहसील क्षेत्र में कई ऐसे बुनियादी सवाल हैं जिन्हें न्यायालय द्वारा भी हल कर दिया गया है और धारा 24 की कार्रवाई भी पूरी हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद जनता को उन कागजों को लेकर अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। उन्होंने तहसील में वरासत की कार्रवाई पूरी तरह से बंद होने और नेटवर्क की समस्या का बहाना बनाए जाने का भी मुद्दा उठाया, जिसके कारण सैकड़ों वरासत की फाइलें लंबित हैं।
तालाबों पर अतिक्रमण और प्रशासन की उदासीनता
उन्होंने घटते जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पोखरी और तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका सौंदर्यीकरण कराने का सख्त आदेश दिया है, लेकिन सकलडीहा तहसील प्रशासन इस मामले में जनता की लगातार गुहार के बावजूद मौन बना हुआ है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भाकपा माले तहसील क्षेत्र के इन सभी ज्वलंत सवालों का समाधान होने तक अपना धरना जारी रखेगी।
विभिन्न संगठनों का समर्थन
इस धरने को अखिल भारतीय किसान महासभा, इंकलाब नौजवान सभा, खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा, ऑल इंडिया महिला संगठन और ऑल इंडिया सेंट्रल कौंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन जैसे विभिन्न संगठनों ने अपना समर्थन दिया है और उनके नेता भी आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
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