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Chandauli News: संतान की कामना के लिए देश-विदेश से यहां आकर स्नान व दर्शन-पूजन करते हैं लोग
Chandauli News: यहां केवल हिंदू धर्म की महिलाएं ही नहीं आती हैं बल्कि मुस्लिम धर्म की महिलाएं भी संतान की कामना के लिए आती हैं। यह स्नान दीपावली के दूसरे दिन सुबह से प्रारंभ होकर और द्वितीय तिथि तक चलता है।
Chandauli News: चंदौली जनपद के सकलडीहा तहसील क्षेत्र के जामडीह गांव स्थित जामेश्वर महादेव सरोवर में पुत्र कामना के लिए कार्तिक महीने शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को देश-विदेश से आए सभी धर्म के लोगों का जमघट लगता है, जिसको देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहता है। जनपद के सकलडीहा तहसील क्षेत्र के जामडीह गांव स्थित जामेश्वर महादेव के सरोवर में पुत्र कामना के लिए महिलाएं कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को स्नान कर बाबा जामेश्वर नाथ का दर्शन पूजन करती हैं जिससे उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
दूर-दराज से आने वाले भक्त एक दिन पहले ही आकर यहां डेरा जमा लेते हैं और द्वितीया तिथि को सुबह स्नान एवं पूजन के बाद अपने घर को चले जाते हैं। मान्यता है कि यहां जिस भी महिला के गर्भ में बच्चे समाप्त हो जाते हैं या संतान नहीं होते हैं। वह यहां सरोवर में स्नान करती हैं और पूजन करती हैं तो उनकी निश्चित ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संतान उत्पन्न होने के बाद पुनः बच्चों के साथ महिलाएं आती हैं और सरोवर में स्नान कर मुंडन भी करवाती हैं तथा बाबा का पूजन अर्चन करती हैं।
बता दें कि यहां केवल हिंदू धर्म की महिलाएं ही नहीं आती हैं बल्कि मुस्लिम धर्म की महिलाएं भी संतान की कामना के लिए आती हैं। यह स्नान दीपावली के दूसरे दिन सुबह से प्रारंभ होकर और द्वितीय तिथि तक चलता है। श्रद्धालुओं के बढ़ती भीड़ को देखकर मंदिर प्रशासन व ग्रामीण भी लोगों की सुविधा के लिए यथासंभव मदद करते हैं।
मान्यता है कि 200 वर्ष पर पूर्व गाजीपुर के अग्रहरि परिवार को संतान नहीं थी और वह चंदौली जा रहे थे। बीच रास्ते में इसी मंदिर के सामने एक पेड़ था उसी के नीचे वह गर्मी के दिन में सोए थे, तभी बाबा जामेश्वर नाथ ने स्वप्न दिया कि मेरा मंदिर बनवा दो और सरोवर में स्नान अपनी पत्नी को करवा दो पुत्र उत्पन्न हो जाएगा। अग्रहरि जी के द्वारा यह कार्य किया गया और उसके बाद उनको पुत्र पैदा हुआ। उन्होने अपने पुत्र का वहीं मुंडन करवाकर जामेश्वर नाथ जी का मंदिर बनवाया। तब से यह परंपरा चालू हो गई है। लोगों की मनोकामना पूर्ण होने पर गाजा बाजा से लोग यहां आकर बाबा का पूजन अर्चन करते हैं।