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Chandauli News: जन औषधि केंद्रों की उपेक्षा,मरीजों की जेब पर भारी डॉक्टरों की मुनाफाखोरी
Chandauli News: जिला अस्पताल में सरकारी स्टोर में 200 से अधिक दवाएं उपलब्ध हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों पर करीब 480 प्रकार की दवाएं मौजूद होने का दावा हैं। इसके बावजूद, मरीजों को बाहरी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
Chandauli News
Chandauli News: चंदौली जनपद में वर्तमान में कुल 19 जन औषधि केंद्र संचालित हैं, और 8 और केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अधिकतर के जिला हॉस्पिटल सीएचसी व पीएचसी केंद्रों पर खोले गए है ताकि गरीब मरीजों को लाभ मिल सकेयह पहल जन सामान्य को किफायती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है। जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध दवाएं गुणवत्ता में निजी ब्रांड्स के बराबर हैं, जबकि उनकी कीमत काफी कम होती है।
जिला अस्पताल में सरकारी स्टोर में 200 से अधिक दवाएं उपलब्ध हैं, वहीं जन औषधि केंद्रों पर करीब 480 प्रकार की दवाएं मौजूद होने का दावा हैं। इसके बावजूद, मरीजों को बाहरी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मरीजों और उनके परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध दवाएं न देकर बाहर की पर्चियों पर दवाएं लिख रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सब कमीशनखोरी के चलते हो रहा है, जिसमें डॉक्टर और बाहरी मेडिकल स्टोरों की मिलीभगत है। इससे ना केवल जन औषधि योजना की भावना को ठेस पहुंच रही है, बल्कि गरीब मरीजों की जेब पर भी भारी बोझ पड़ रहा है।
स्वास्थ्य विभाग को इस मुद्दे पर सख्ती से संज्ञान लेना चाहिए और डॉक्टरों की जवाबदेही तय करनी चाहिए। साथ ही, जन औषधि केंद्रों की कार्यप्रणाली को और अधिक पारदर्शी तथा सुलभ बनाया जाना चाहिए, ताकि मरीजों को सस्ती दवाएं समय पर मिल सकें और योजना का वास्तविक लाभ जनता को मिल सके।इस संबंध में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल की सरकारी स्टोर में लगभग 70 प्रकार के इंजेक्शन है जबकि जन औषधि केंद्र में 480 प्रकार की दवाई उपलब्ध है और सभी डॉक्टरों को कितना टकराती है बाहर की दवा लिखी जाती है की ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई बिजी जाएगी।
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