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Chandauli News: नौगढ़ में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, कागजों पर चमक रहा स्कूल, गुमनाम भविष्य

Chandauli News: इस उच्च प्राथमिक विद्यालय में 58 बच्चों का दाखिला तो करा दिया गया है, लेकिन उनके लिए न तो कोई अलग इमारत है और न ही कोई शिक्षक।

Sunil Kumar
Published on: 4 May 2025 4:35 PM IST (Updated on: 4 May 2025 4:36 PM IST)
No primary school in Gahila village of Naugarh tehsil area, class of 58 children stuck in one room
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नौगढ़ तहसील क्षेत्र गहिला गांव में प्राथमिक विद्यालय नहीं, एक कमरे में लग रही 58 बच्चों की क्लास (सांकेतिक तस्वीर) (Photo- Social Media)

Chandauli News: जिले के नौगढ़ तहसील क्षेत्र के गहिला गांव में शिक्षा की हालत देखकर किसी का भी दिल दहल जाएगा। यहां उच्च प्राथमिक शिक्षा सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई है, हकीकत में यह विद्यालय बुनियादी सुविधाओं के लिए भी तरस रहा है। न तो बच्चों के बैठने के लिए ढंग का भवन है और न ही उन्हें पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नियुक्त किया गया है।

एक कमरा, तीन स्कूल, बदहाल शिक्षा!

इस उच्च प्राथमिक विद्यालय में 58 बच्चों का दाखिला तो करा दिया गया है, लेकिन उनके लिए न तो कोई अलग इमारत है और न ही कोई शिक्षक। कल्पना कीजिए, प्राथमिक विद्यालय के एक छोटे से कमरे में 110 प्राथमिक छात्र, 30 आंगनबाड़ी बच्चे और ये 58 उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्र एक साथ बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं! प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ही जैसे-तैसे इन सभी बच्चों को पढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या यह शिक्षा है या बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़?

ग्रामीणों की गुहार अनसुनी, सांसद बेखबर!

गांव के लोग इस समस्या के बारे में बार-बार स्थानीय प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी आवाज नक्कारखाने में तूती की तरह साबित हुई है। सबसे दुखद बात तो यह है कि इसी गांव के निवासी और क्षेत्र के सांसद छोटेलाल खरवार भी इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। क्या उन्हें अपने गांव के बच्चों की शिक्षा की कोई चिंता नहीं है?

नीलाम हुआ भवन, निर्माण अटका!

ग्रामीणों का कहना है कि इस उच्च प्राथमिक विद्यालय का पहले एक भवन हुआ करता था, जिसे तीन साल पहले नीलाम करके तोड़ दिया गया। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी नए भवन का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हो पाया है। यह कैसी विडंबना है कि बच्चों का स्कूल नीलाम कर दिया गया और उन्हें शिक्षा से वंचित कर दिया गया?

शिक्षा विभाग का खोखला आश्वासन!

इस बारे में जब खंड शिक्षा अधिकारी लालमनी राम से बात की गई, तो उन्होंने हमेशा की तरह आश्वासन दिया कि विभाग को विद्यालय में सुविधाओं की कमी की जानकारी है और जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भवन निर्माण के लिए उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और जल्द ही विद्यालय भवन का निर्माण शुरू हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि कब तक ये बच्चे बदहाल स्थिति में पढ़ने को मजबूर रहेंगे?

अंधकारमय भविष्य, पलायन जारी!

इन परिस्थितियों के कारण गांव के बच्चों का भविष्य खतरे में है। उन्हें न तो ठीक से शिक्षा मिल पा रही है और न ही पढ़ने के लिए जरूरी संसाधन। इससे परेशान होकर कई छात्र या तो स्कूल छोड़ रहे हैं या फिर अच्छी शिक्षा की तलाश में दूसरे गांवों की ओर पलायन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही स्कूल की हालत नहीं सुधारी गई, तो गांव के बच्चों का भविष्य पूरी तरह से अंधकार में डूब जाएगा। क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस गंभीर समस्या पर ध्यान देंगे और इन बच्चों के भविष्य को बचाएंगे?

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