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चीफ जस्टिस का फरमान न्यायिक अधिकारियों ने निजी वाहन पर पदनाम लिखाया तो...
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने दो सप्ताह के अंदर प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों को एक दूसरा सर्कुलर जारी कर कहा है कि वे अपने प्राइवेट वाहनों पर पदनाम न लिखे । सर्कुलर मे कहा गया है कि इसके पूर्व भी इस आशय का परिपत्र जारी कर प्राइवेट वाहनों पर पदनाम न लिखने को लेकर चीफ जस्टिस की तरफ से चार बार निर्देश जारी किया जा चुका है। इस बार निर्देश जारी कर पूर्व के आदेशों का पालन करने को कहा गया है ।
प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने दो सप्ताह के अंदर प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों को एक दूसरा सर्कुलर जारी कर कहा है कि वे अपने प्राइवेट वाहनों पर पदनाम न लिखे । सर्कुलर मे कहा गया है कि इसके पूर्व भी इस आशय का परिपत्र जारी कर प्राइवेट वाहनों पर पदनाम न लिखने को लेकर चीफ जस्टिस की तरफ से चार बार निर्देश जारी किया जा चुका है। इस बार निर्देश जारी कर पूर्व के आदेशों का पालन करने को कहा गया है ।
सर्कुलर मे न्यायिक अधिकारियों को यह हिदायत भी दी गयी है कि उनके प्राइवेट वाहनों पर पदनाम लिखा पाए जाने पर अथवा जारी सर्कुलर का उल्लंघन करने पर न्यायिक अधिकारियों के इस कृत्य को मिस्कन्डक्ट ( कदाचार) माना जाएगा । निर्देश मे पूर्व के सभी सर्कुलर का उल्लेख किया गया है । सर्कुलर रजिस्ट्रार जनरल मयंक जैन की तरफ से जारी किया गया है ।
इससे पहले बधाई व शुभकामना संदेश पर जता चुके हैं आपत्ति
मालूम हो कि चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर ने अभी हाल ही में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों द्वारा चीफ जस्टिस को बधाई व शुभकामना संदेश भेजने पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस प्रकार के संदेशों से असहजता महसूस होती है । परन्तु कहा गया था कि चीफ जस्टिस को कोई अति आवश्यक सूचना हो तभी भेजा जाय ।
हाई कोर्ट बार की बैठक में हड़ताल पर नही हो सका निर्णय
शिक्षा सेवा अधिकरण पर जारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलो की हड़ताल पर असमंजस बना हुआ है। मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर की काम पर वापसी के अनुरोध के बाद 3 बजे से शुरू हुई आम सभा में न्यायिक काम से विरत रहने को लेकर शाम 4 बजे तक कोई निर्णय नही हो सका ।
4 सितम्बर को 9 बजे सुबह होगी बैठक
बार की बैठक 4 सितम्बर की सुबह 9 बजे पुनः होगी। जिसमें हड़ताल जारी रखने को लेकर बार फैसला लेगी। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को भी वकीलो की हड़ताल के चलते न्यायिक कार्य बाधित रहा। फोटो आई डी सेंटर व स्टैम्प बिक्री बन्द होने से मुकदमे दाखिल नही हो पा रहे है।
मुख्य न्यायाधीश ने की बार से काम पर लौटने की अपील
दोपहर 1 बजे बार की बैठक शुरू हुई थी कि मुख्य न्यायाधीश द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं व बार के पदाधिकारियों के साथ 2 बजे मीटिंग पर बुलाने की सूचना मिली। बैठक 3 बजे के लिए स्थगित कर मुख्य न्यायाधीश से मिलने बार के पदाधिकारी गए। मुख्य न्यायाधीश ने बार से काम पर वापस लौटने की अपील की ।
आधे घण्टे चली बैठक में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार के मनमाने कानून के खिलाफ लिए गए निर्णय के विरोध में हड़ताल पर रहने के अलावा अन्य कोई विकल्प नही है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश से जिलो के क्षेत्राधिकार के अनुसार लखनऊ व प्रयागराज दोनों जगह अधिकरण गठित करने का सुझाव दिया।
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मुख्य न्यायाधीश ने कहा यह विचारणीय हो सकता है। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने वकीलो को क़ानूनी फोरम का इस्तेमाल करने का सुझाव देते हुए कहा है कि वकीलो को हड़ताल करने का अधिकार नही है। वादकारियों के लिए न्यायालय के दरवाजे बंद नही किये जा सकते। इसके बाद हुई बार की बैठक हंगामेदार रही एक घण्टे चली सभा बिना निर्णय के स्थगित हो गयी।
पदाधिकारी हड़ताल खत्म करने की पहल कर रहे थे किंतु सदस्यों के ठोस निर्णय तक हड़ताल जारी रखने के दबाव के चलते फैसला नही हो सका । अब 4 सितम्बर को सुबह 9 बजे की सभा में हड़ताल जारी रखने को लेकर निर्णय लिया जायेगा।
अधिकरण के मुद्दे पर जनहित याचिका तैयार
अधिवक्ता शरदचन्द्र मिश्र व विजय चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया है कि उन्होंने अधिकरण के मुद्दे पर जनहित याचिका तैयार कर ली है।बार एसोसियेशन की अनुमति से दाखिल की जायेगी। याचिका में लखनऊ स्थित केंद्रीय व राज्य सरकार के सभी अधिकरणों की मुख्यपीठ इलाहाबाद में हाई कोर्ट की प्रधानपीठ होने के नाते स्थापित करने की मांग की गयी है।
डीएम के कहने पर तबादले पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक स्कूल के अध्यापक के तबादले/समायोजन पर रोक लगा दी है और कहा है कि जिलाधिकारी प्रयागराज को ऐसा निर्देश देने का अधिकार नही है। कोर्ट ने याचियों को तैनाती स्थल पर ही कार्य करते रहने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिका को 12 सितम्बर को पेश करने का आदेश दिया है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने अरविन्द सिंह व् चार अन्य अध्यापको की याचिका पर दिया है। सभी याची प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रहे है।याचिका में 26 जुलाई 2019 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गयी है। वकीलो के कार्य बहिष्कार के चलते याचीगण कोर्ट में बहस के लिए हाजिर हुए।अध्यापको ने कोर्ट को बताया कि उनका तबादला जिलाधिकारी के कहने पर किया गया है । उन्हें ऐसा आदेश देने का अधिकार नही है।
बार के पूर्व अध्यक्ष वीसी मिश्र ने एक्शन कमेटी से दिया इस्तीफा
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व बार काउन्सिल आफ इंडिया के चेयरमैन रह चुके वी सी मिश्र ने आज एक्शन कमेटी से अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बताया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किए जाने से खिन्न होकर वह इस्तीफा दे रहे हैं । मालूम हो कि प्रयागराज मे शिक्षा ट्रिब्यूनल बनाने को लेकर हाईकोर्ट के वकील आन्दोलन कर रहे हैं । बार के आन्दोलन को गति देने के लिए एक्शन कमेटी कारण गठन किया गया है । इसमें हाईकोर्ट के कई सीनियर वकीलों को शामिल किया गया है । वी सी मिश्र भी इस एक्शन कमेटी में शामिल थे ।
मिश्र से इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पाण्डेय ने वी सी मिश्र के इस्तीफा के खबर की वाट्सऐप से जानकारी होने पर पत्र भेज कर उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया है । पत्र मे पाण्डेय ने कहा है कि इस्तीफा की खबर सुनकर वह अचम्भित है । उन्होंने मिश्र जी से बात करने की कोशिश की, परन्तु उन्होंने उनकी काल रिसीव करने से मना कर दिया ।
अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि विचारों की असहमति का मतलब किसी के प्रति असम्मान या दुर्व्यवहार नहीं होता । उन्होंने नाराजगी के कारण का भी पत्र मे उल्लेख किया है । परन्तु कहा है कि आप अगर सोचते हैं कि मैंने दुर्व्यवहार किया है तो मै मांफी मांगता हूँ । बार के अध्यक्ष ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि बार की इस लडाई के नाजुक मोड़ पर आपसे यह अनुरोध है कि आप इस्तीफा वापस ले और मेरे अनुरोध को स्वीकार करे । आपके प्रति मेरा सम्मान है ।