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लिपिक चयन में गड़बड़ी के आरोपों पर प्रमुख सचिव सहित आला अधिकारी 12 को तलब
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपक सिंघल, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन अवध नरेश गुप्ता व तत्कालीन प्रमुख अभियंता (शारदा) गंगा सिंचाई मुकेश शर्मा समेत नौ अभियुक्तों को धोखाधड़ी के एक मामले में 16 मार्च को विचारण के लिए तलब किया है।
लखनऊ : मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आनंद प्रकाश सिंह ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव दीपक सिंघल, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन अवध नरेश गुप्ता व तत्कालीन प्रमुख अभियंता (शारदा) गंगा सिंचाई मुकेश शर्मा समेत नौ अभियुक्तों को धोखाधड़ी के एक मामले में 16 मार्च को विचारण के लिए तलब किया है। यह आदेश केार्ट ने 2008-09 में कथित रूप से सिंचाई विभाग में कनिष्ठ लिपिकों की भर्ती में हुई धोखाधड़ी केा लेकर इंदू यादव की ओर से दायर एक परिवाद पर संज्ञान लेते हुए पारित किया।
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कोर्ट ने इस मामले में आईपीसी की धारा 419 व 420 के तहत बतौर अभियुक्त तत्कालीन सहायक अभियंता द्वितीय लखनऊ खंड-2, शारदा नहर श्याम मोहन उपाध्याय, सहायक अभियंता अंजनी पांडेय, तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी मुख्य अभियंता (शारदा) महाराज दीन चैधरी, वरिष्ठ सहायक कार्यालय मुख्य अभियंता (शारदा) राजेश कुमार, वरिष्ठ सहायक कार्यालय अधिशासी अभियंता खंड-2 फहीम अहमद खां व वरिष्ठ सहायक कार्यालय द्वितीय उपखंड शारदा नहर बैरल नंबर- 17 राजेश कुमार को भी तलब किया है।
परिवादी इंदू यादव का आरोप था कि 2008-09 में सिंचाई विभाग में 282 कनिष्ठ लिपिकों के चयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व अनियमितता हुई थी। इस भर्ती के लिए गठित चयन समिति के सदस्यों द्वारा नियम कानून को ताक पर रखकर उनसे कम अर्हता रखने वाले अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। 18 अपै्रल, 2012 को उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। उनकी शिकायत पर विभागीय जांच का आदेश हुआ।जांच में घोर अनियमितताएं उजागर हुई थी। सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया को गलत पाया गया था। इंदू यादव का कहना था कि इन सभी विपक्षी पक्षकारों ने आपसी मिलीभगत से यह अपराध किया। लिहाजा इन्हें इस मामले में तलब कर दंडित किया जाए।
कोर्ट ने परिवादिनी इंदू यादव को भी यह आदेश दिया है कि वो एक हफ्ते में गवाहों की सूची दाखिल करें।
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दो महीने से चेारी के केस में आख्या न भेजने पर सीओ अलीगंज तलब
विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु दयाल श्रीवास्तव ने चोरी के एक मामले में कई आदेशों के बावजूद आख्या नहीं भेजने पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए सीओ अलीगंज को व्यक्तिगत रुप से तलब कर लिया है। केार्ट ने यह आदेश रितेश मिश्रा की माॅनीटरिंग अर्जी पर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी। अदालत में उनकी अर्जी पर बहस करते हुए वकील प्रांशु अग्रवाल का कहना था कि यह मामला कपूरथला स्थित एक दुकान में की गई चोरी का है। 11 नवंबर, 2018 को रितेश ने इस मामले की नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। लेकिन विवेचक ने अभी तक इस मामले में न तो उनका बयान दर्ज किया है और न ही अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चोरी का सामान ही बरामद किया है। जबकि अभियुक्त खुलेआम घूम रहे हैं। 10 दिसंबर, 2018 को अदालत ने उनकी इस अर्जी पर विवेचक से इस संदर्भ में रिपोर्ट तलब किया था। अदालत ने इसके बाद अर्जी में उठाए गए बिन्दूओं पर विवेचक से क्रमवार आख्या भी मांगा। बावजूद इसके रिपोर्ट नहीं भेजी गई। अदालत ने इस पर विवेचक को मय केस डायरी तलब किया। लेकिन कई आदेशों के बावजूद विवेचक न तो हाजिर हुए और न ही केसडायरी प्रस्तुत की।