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बिजली वितरण में निजी कंपनियों के एंट्री का रास्ता साफ, बजट सत्र में पेश होगा बिल

सरकार ने मौजूदा बजट सत्र में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को पास करने की पूरी योजना बना ली है। यह बिल पास हो गया तो बिजली वितरण में निजी कंपनियों के आने का रास्ता साफ़ हो जाएगा। हालांकि विद्युत निगम कर्मचारी संघ इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। मार्च में लखनऊ में विशाल रैली करने की योजना बनायी गई है। लेकिन सरकार इसे हर हाल में पास करने पर आमादा दिख रही है।

priyankajoshi
Published on: 6 Feb 2018 5:16 PM IST
बिजली वितरण में निजी कंपनियों के एंट्री का रास्ता साफ, बजट सत्र में पेश होगा बिल
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लखनऊ: सरकार ने मौजूदा बजट सत्र में इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को पास करने की पूरी योजना बना ली है। यह बिल पास हो गया तो बिजली वितरण में निजी कंपनियों के आने का रास्ता साफ़ हो जाएगा।

हालांकि, विद्युत निगम कर्मचारी संघ इसका पुरजोर विरोध कर रहा है। मार्च में लखनऊ में विशाल रैली करने की योजना बनायी गई है। लेकिन सरकार इसे हर हाल में पास करने पर आमादा दिख रही है।

खत्म होगा वितरण निगम का काम

जानकारों की मानें तो इस बिल के पास हो जाने के बाद विद्युत वितरण निगम का काम सिर्फ खम्भों और ट्रांसफार्मर तक बिजली पहुंचाने तक सीमित हो जाएगा। इसके बाद कनेक्शन देने और बिजली की आपूर्ति करने का काम निजी कंपनियों के हाथ में चला जाएगा। विद्युत कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया की इससे बिजली वितरण में एक नए तरह का भ्रष्टाचार पैदा होगा और इसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना होगा।

फेल हो चुका है निजीकरण

सूत्रों की माने तो इससे पहले भी सरकार ने बिजली का निजीकरण करके देख लिया है और यह फेल हो चुका है फिर सरकार इसे निजी हाथों में क्यों सौपना चाहती है यह समझ से परे है। जानकारी के अनुसार सबसे पहले उड़ीसा में बिजली का निजीकरण किया गया, लेकिन बाद में घाटे को देखते हुए सबसे पहले अमेरिकी एजेंसी भाग गई उसके बाद रिलायंस का लाइसेंस कैंसिल किया गया। दिल्ली में भी निजीकरण कामयाब नहीं हुआ है और लगातार बिजली की दरें बढ़ती रही हैं।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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