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कांग्रेस कमेटी के सदस्य प्रियंका-ज्योतिरादित्य से करेंगे मुलाकात, पार्टी गुटबाजी पर होगी बात
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तीन दिन के प्रवास पर लखनऊ आ रही है। प्रियंका गांधी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान कानपुर नगर कमेटी के पदाधिकारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करेंगे।
कानपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तीन दिन के प्रवास पर लखनऊ आ रही है। प्रियंका गांधी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान कानपुर नगर कमेटी के पदाधिकारी प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात करेंगे।
कानपुर में कांग्रेस पार्टी अलग-अलग गुटों में बटी हुई है। इस गुटबाजी की वजह से पार्टी को 2017 विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। नगर कमेटी के पदाधिकारी प्रियंका गांधी के सामने गुटबाजी का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाने वाले है। ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा न भुगतना पड़े। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समस्या का कैसे निपटारा करते है।
कानपुर कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। यही वजह रही है कि पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल लगातार तीन बार सांसद रहे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की गुटबाजी कांग्रेस पार्टी की हार की वजह बनी। मोदी लहर में 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रीप्रकाश जायसवाल बीजेपी के कद्दावर नेता डॉ मुरली मनोहर जोशी से 2,22,946 वोटो से हार गए थे l इस गुटबाजी से कांग्रेस पार्टी उबर नही पाई।
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प्रदेश राजबब्बर और गुलामनबी आजाद के सामने भिड़े थे कार्यकर्ता
कांग्रेस की आपसी गुटबाजी पार्टी को धरातल पर ले आई है। जिसका उदहारण बीते अप्रैल माह 2018 में हुए कार्यकर्ता सम्मलेन में देखने को मिला था। प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद के सामने ही दो गुटों के कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए थे एक दूसरे को गाली गलौज करते हुए मारपीट तक हो गयी थी।
कानपुर में कांग्रेस के इन दिनों तीन गुट चल रहे है। जिसमे पहला गुट पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल का है। दूसरा गुट पूर्व विधायक अजय कपूर का है और तीसरा गुट अलोक मिश्रा है। तीनों ही गुट एक दूसरे के धुर विरोधी है और आने वाले लोक सभा चुनाव में टिकट की मांग कर कर रहे थे।
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प्रियंका गांधी के लिए चुनौती
सभी गुटों के लीडर लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी पेश कर रहे है। अब इस इस स्थिति में प्रियंका गांधी के लिए सबसे बड़ी चुनती होगी कि इस गुटबाजी को कैसे दूर किया जाए। यदि गुटबाजी ख़त्म नही हुई तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को होने वाला है। निकाय चुनाव में जब मेयर पद की टिकट जब अलोक मिश्रा की पत्नी वंदना मिश्रा को मिली। गुटबाजी की वजह से अन्य गुटों के लोगो ने वंदना मिश्रा को मेयर का चुनाव जिम्मेदारी से नही लड़ाया।जिसका नतीजा यह हुआ कि वंदना मिश्रा बीजेपी की प्रमिला पाण्डेय से 52 हजार वोटो से हार गई।
मौजूदा कानपुर की राजनीति की देंगे जानकारी
कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री के मुताबिक हम कांग्रेस महासचिव से लखनऊ में मुलाकात होगी। हम कानपुर की वर्तमान राजनीती से उनको अवगत करायेंगे। इसके साथ ही वो संगठन के कार्यों की भी समीक्षा करेंगी।उनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रहेंगे। इसके साथ ही पार्टी के खिलाफ काम करने वालों के विषय में भी उन्हें अवगत कराया जाएगा। इसके साथ ही प्रियंका गांधी के रोड शो में कानपुर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचेंगे।
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