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लखनऊ में ऐसे लोगों के चलते तेजी से फैल रहा है कोरोना, डर के मारे नहीं करा रहे जांच

विशेषज्ञों का कहना है कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों द्वारा प्रोटोकाल का उल्लंघन करने के गंभीर दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 5 April 2021 6:17 AM GMT
लखनऊ में ऐसे लोगों के चलते तेजी से फैल रहा है कोरोना, डर के मारे नहीं करा रहे जांच
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लखनऊ में ऐसे लोगों के चलते तेजी से फैल रहा है कोरोना, डर के मारे नहीं करा रहे जांच (फोटो- सोशल मीडिया)

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: कोरोना का संक्रमण राजधानी में जितनी तेजी से फैल रहा है वह हालात बिगड़ने की ओर संकेत कर रहा है। मेडिकल स्टोरों पर लोगों की कतार लगी हुई है जो खांसी, जुकाम, बुखार की दवाएं बिना किसी डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के ले रहे हैं। यह लोग जांच भी नहीं कर करा रहे हैं। जिससे कोरोना का संक्रमण व्यापक होने का खतरा हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे छिपे मरीज ज्यादा घातक हैं। इन मरीजों की हालत जब बिगड़ जाती है तब वह अस्पताल जाते हैं जिससे उपचार का लाभ मिलने में विलंब हो जाता है।

आश्चर्य की बात यह है कि लोग अभी भी घनी आबादी वाले मोहल्लों में बिना मास्क के निकल रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जबकि राजधानी के एक दर्जन से अधिक इलाकों में कोरोना बुरी तरह फैल चुका है। राजाजीपुरम के व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्ण कुमार उर्फ पिंटू दीक्षित की कोरोना के संक्रमण से मौत हो गई है। जबकि उनकी उम्र मात्र 47 साल थी। केजीएमयू के मार्च्युरी के पांच कर्मचारी भी पॉजिटिव हो गए हैं जोकि हालत की गंभीरता को बयां कर रहा है।

स्वास्थ्य महानिदेशक का संक्रमित होना बड़े खतरे का इशारा

इसके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.नेगी उनके निजी सचिव और स्टाफ ऑफिसर का संक्रमित हो जाना बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। एलयू के तीन और शिक्षकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अस्पतालों के बेड फुल हो चुके हैं। ऐसे में सिर्फ बचाव ही उपाय है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक इंदिरा नगर 73, आलमबाग 32, रायबरेली रोड 22, महानगर 41, गोमतीनगर 68, चौक 59, आशियाना 49, और मड़ियांव में 29 मरीज मिले हैं। 3831 संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं।

coronavirus (photo- social media)

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का कहना है कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों द्वारा प्रोटोकाल का उल्लंघन करने के गंभीर दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीज अपने क्षेत्रों में टहलते घूमते रहते हैं जिससे संक्रमण की रफ्तार को काबू पाने के प्रयासों को झटका लग सकता है।

कोरोना से भयभीत हुए लोग

मरीजों की ये आंकड़े उन लोगों के हैं जिनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन ऐसे तमाम लोग हैं जो अनावश्यक भय के चलते जांच नहीं करा रहे हैं। ऐसे ये संक्रमण को तीव्र गति से फैला रहे हैं। ऐसे लोगों से बात करने पर वह सुनी सुनाई बातों पर कहते हैं कि हमें कोरोना नहीं है लेकिन जांच में हमें कोरोना मरीज बताकर अस्पताल भेज दिया जाएगा, इसलिए जांच नहीं कराएंगे।

corona virus (photo- social media)

कोरोना से क्यों डर रहे हैं लोग

ऐसे भी तमाम लोग हैं जिन्हें ये भय है कि कोरोना संक्रमित होने पर अगर अस्पताल में निधन हो जाता है तो घर वालों को शरीर भी नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है यह सोच घातक है ऐसे में वह अपने परिवार व समाज के लिए खतरा बन रहे हैं। कोरोना के लक्षण दिखायी देने पर प्रत्येक व्यक्ति को तुरंत जांच करा कर खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए।

Chitra Singh

Chitra Singh

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