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शर्मनाक: यहां सेफ्टी टैंक में फंसी गाय को नमक औए केमिकल से गलाने का किया जा रहा था काम...

Aditya Mishra
Published on: 5 Sept 2018 2:30 PM IST
शर्मनाक: यहां सेफ्टी टैंक में फंसी गाय को नमक औए केमिकल से गलाने का किया जा रहा था काम...
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कानपुर: कानपुर में इंसानियत को शर्मशार करने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां सीएचसी परिसर में बने सेफ्टी टैंक में एक गाय की गिरने से मौत हो गई। मरने से पहले गाय टैंक के अंदर काफी देर तक छटपटाती रही। लेकिन वह टैंक से बाहर नहीं निकल पाई। उसकी वहीं पर तड़पकर मौत हो गई।

आरोप है कि सीएचसी प्रभारी समेत अन्य कर्मचारी उसे देखकर मुंह घुमा कर वहां से चले गए। आरोप है कि बाद में उसे नष्ट करने के लिए सेफ्टी टैंक में नमक, केमिकल और दवाओं का घोल डाला गया था। मामले प्रकाश में आने के बाद जिम्मेदार अधिकारी एक दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ रहे है।

ये है पूरा मामला

घाटमपुर तहसील स्थित सीएचसी परिसर में एक सेफ्टी टैंक बना हुआ है। बीते रविवार को एक गाय सीएचसी परिसर के अंदर बने मैदान में घूम रही थी। तभी सीएचसी टैंक का ढक्कन टूट जाने की वजह से वह टैंक में जा गिरी। गाय टैंक के भीतर तड़पती रही।

आरोप है कि इसकी भनक लगने के बाद सीएचसी में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी टैंक को देखने तो आये लेकिन किसी ने भी गाय को निकालने का प्रयास नही किया। सीएचसी प्रभारी ने भी नगर पालिका को सूचना देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

शाम हुई और सभी कर्मचारी उस गाय को तड़पता हुआ छोड़ कर चले गए। उस गाय को निकालने के लिए नगर पालिका के कर्मचारी भी नहीं पहुंचे। जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से गाय की टैंक में ही मौत हो गयी। सोमवार की सुबह जब सीएचसी का स्टाफ पंहुचा तो उसने देखा की गाय की मौत हो चुकी है।सीएचसी स्टाफ द्वारा सेफ्टी टैंक में नमक और केमिकल डाल कर गाय तो नष्ट करने का काम शुरू कर दिया गया।

मंगलवार को डीएम विजय विश्वास पंथ घाटमपुर तहसील दिवस के मौके पर मौजूद थे। लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने उनके सामने गाय के साथ हुए इस दुर्व्यवहार की चर्चा तक नही की जबकि सीएचसी प्रभारी सुरेंद्र सिंह स्वयं वहां पर मौजूद थे।

बदबू रोकने के लिए किया टैंक में किया दवा का छिड़काव-सीएचसी प्रभारी

सीएचसी प्रभारी के मुताबिक जब गाय गिरी थी तो मैंने नगर पालिका और चेयरमैन को इसकी सूचना दी थी। लेकिन गाय को बचाने के लिए कोई भी नही आया। इसके बाद जब गाय की मौत हो गयी तो उसके तुरंत बाद इसकी भी सूचना अधिकारियों को दी ताकि इसे टैंक से निकाला जाए। लेकिन उसके मृत शव को निकालने के लिए कोई नहीं आया। टैंक में हम लोगों ने दवा का छिड़काव किया है ताकि बदबू नही आये।

418 गौशालाओं में से 13 कानपुर में

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद गौशालाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। उत्तर प्रदेश में 418 गौशालाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जिसमें से 13 गौशाला सिर्फ कानपुर में है। शासन के आदेश पर बीते 12 जुलाई को शहर के डीएम विजय विश्वास पंथ ने गौ संरक्षण समिति के साथ कलेक्ट्रेट में बैठक की थी। उन्होंने कहा था कि अब गौशाला चंदे से नही धंधे से चलेगी। गौ मूत्र और गोबर से बनने वाले उत्पादों को ब्रांडिंग और मार्केटिंग की जायेगी।

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Aditya Mishra

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