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अब चंदा मांगकर नहीं धंधा बनाकर खोलें गौशाला, होंगे बड़े फायदे
कानपुर: अगर आपके मन में भी गौशाला को बिजनेस के रूप में चलाने की इच्छा है तो आपके लिए खास खबर है। अब तक चंदा मांगकर या इधर-उधर से रकम जुटाकर चलने वाली गौशालाएं अब व्यवसाय के रूप में संचालित होंगी। अब गौशालाओं का ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन ahgoshalareg.up.gov.in में कराया जायेगा।
अभी तक यूपी में मात्र 418 गौशालाओं का ही रजिस्ट्रेशन है। जिसमें कानपुर में 13 गौशालाओं का रजिस्ट्रेशन हैl गौ मूत्र, गोबर से बनी दवाओं व अन्य उत्पादों का सर्टीफिकेशन कर प्रचार किया जायेगा। गौशालाओं में बनने वाले उत्पादों की ब्रान्डिंग और मार्केटिंग कर उनके उत्पादों को औद्योगिक संगठनों के साथ जोड़ा जायेगा। गौशालायें चंदे पर नही बल्कि धंधे पर चलें, इस पद्धति को अपनाया जायेगाl
महिला समूहों को मिलेगी ट्रेनिंग
गुरुवार को जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त ने कलेक्ट्रेट सभगार में आयोजित गौ संरक्षण समिति की बैठक कर सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि समस्त गौशालाओं के उत्पादों के सर्टिफिकेशन, बॉंडिंग कर उनकी मार्केटिंग की उचित व्यवस्था की जाए। जनपद के अच्छे महिला समूहों को ट्रेंनिग देकर गौशालाओं से जोड़ा जाए व इन समूहों से गौ-मूत्र, गोबर से उत्पाद बनाकर मार्केट में उतारा जाये।
डीएम ने चारागाह की भूमि के अवैध कब्जेदारों से भूमि खाली कराने के भी निर्देश दिये हैं। इसके अलावा शहर की गौशालाओं को सुचारू संचालन हेतु अवैध कब्जे हटवाने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिये। गौशालाओं को स्वावलम्बन की ओर बढाने हेतु बायोगैस, कम्पोस्ट, पंचगव्य से बनाये जाने वाले विभिन्न पदार्थों के उपयोग हेतु मार्केटिंग कराने की बात कही। जिलाधिकारी ने कानपुर गौशाला सोसाइटी के बने उत्पादों को भी देखा। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी पशुओं के स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओं को सूचना मिलते ही फ़ौरन निस्तारित करायें। पशुओं की कोई भी समस्या होने पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ एस एन सिंह को उनके मोबाइल पर सूचना दे सकते हैं। तत्काल समस्या का निस्तारण किया जायेगा।