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हिजाब पहनने पर लगा जुर्माना, खफा हुए देवबंदी उलेमा
सहारनपुर: यूरोपियन देश डेनमार्क में मुस्लिम महिलाओं के हिजाब पहनने (पर्दा करते हुए मूंह छिपाना) पर पाबंदी लगा दी गई है। शनिवार को हिजाब पहनने पर डेनमार्क पुलिस ने एक मुस्लिम महिला पर करीब दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। देवबंदी उलेमा ने घटना पर कड़ा रोष व्यक्त करते हुए इसे मानव अधिकारों का हनन करने वाला कानून बताया है।
डेनमार्क में लगा था जुर्माना
डेनमार्क में सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढ़कने वाले हिजाब पर १ अगस्त से प्रतिबंध लगाने के बाद शनिवार को पहली बार स्टॉकहोम स्थित होरशोल्लम शॉपिंग सेंटर पर हिजाब पहनने के जुर्म में एक मुस्लिम महिला पर एक हजार क्रॉनर (करीब दस हजार रुपये) का जुर्माना किया गया। इतना ही नहीं पुलिस ने मुस्लिम महिला को हिजाब उतारने या फिर सार्वजनिक स्थल छोड़कर चले जाने के लिए निर्देशित किया। जिस पर मुस्लिम महिला ने सार्वजनिक स्थल छोडऩे का विकल्प चुना। डेनमार्क की इस घटना पर तंजीम अब्नाए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने कड़ा रोष व्यक्त करते हुए वहां की सरकार द्वारा बनाए गए कानून को मानव अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा कि आदमी क्या खाएगा, क्या पहनेगा यह उसका मौलिक अधिकार है। इन अधिकारों पर कोई भी सरकार पाबंदी नहीं लगा सकती। जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि डेनमार्क सरकार का यह कदम मुस्लिम नहीं इस्लाम विरोधी है। इस्लाम मुखालिफ विचारधारा पूरी दुनिया में हावी है। उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि औरतों को नंगा कर बाजारों में ला खड़ा करने वाली पश्चिमी सभ्यता पर्दे की की दुश्मन है। हिजाब पर लगाई गई पाबंदी इसका जीता जागता नमूना है।