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रमजान में खुदा की इबादत के साथ लोगों की जान बचा रहे डॉक्टर कादिर, रोजे से ज्यादा पेशे को दी तरजीह
डॉ अब्दुल इटावा के अस्पताल के कोविड वार्ड में कार्यरत है। इस विकट घड़ी में वे लोगों के लिए फरिश्ता नजर आ रहे हैं।
इटावा : देश का कोई भी कोना कोरोना ( Corona ) की दूसरी लहर से बच नहीं पाया है। लोगों को इससे बचने के लिए घरों में रहने की हिदायत दी जा रही है और लोग अपनी जान की रक्षा के लिए घरों में भी कैद है वहीं कुछ लोग इस दौर में भी इंसानियत को जिंदा रखें है, उनमें एक नाम डॉ.अब्दुल कादिर (Dr. Abdul Qadir) का भी है। जिनके लिए रोजा, रमजान और ईद से बड़ी खुशी मानवता ( Huminity) की सेवा है।
डॉ अब्दुल वर्तमान में इटावा (Etawah) के जिला अस्पताल के इमरजेंसी कोविड वार्ड में कार्यरत है। कोरोना की इस विकट घड़ी में वे लोगों के लिए फरिश्ता के रुप में नजर आ रहे है। उन्होंने लोगों का ना केवल इलाज किया बल्कि अपने स्नेह पूर्ण व्यवहार लोगों में जीने की ललक जगाई और मरीजों में आत्मविश्वास भरा की वे जल्दी ठीक हो जाएंगे।
डॉ.कादिर पहले मानसिक रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर रहे थे। बाद में उनकी ड्यूटी पिछले साल कोरोना काल में जिला के नारायणा कॉलेज के एल1 के कोरोना वार्ड में लगाई गई। उस समय उन्होंने अपने कामों से सबको आश्चर्यचकित किया। फिर इस बार भी कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना वार्ड में 12 से 26 अप्रैल तक काम किया।
खुद भी बचे और लोगों भी बचा रहें
कोरोना की दूसरी लहर से खुद डॉ कादिर भी डर गए थे लेकिन उन्होंने बताया कि दूसरी लहर आने के बाद मरीजों की संख्या बढ़ने लगी और सभी जगह डर का माहौल बन गया। लेकिन खुद को संभालते हुए दृढ़ता से अपने काम में जुट गये।
उन्होंने बताया कोई भी वायरस शरीर के अंदर त्वचा से नहीं जाता, वह नाक मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है इसलिए उन्होंने सही तरह से मास्क का इस्तेमाल किया और अपने घर के सदस्यों से दूर रहे। खुद को घर के एक कमरे में आयसोलेट कर लिया और फिर खुद को और अपने परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित होने से बचाया।
साथी डॉक्टरों ने भी तारीफ
डॉ अब्दुल कादिर के सेवा भाव और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी डी भिरोरिया का कहना है कि इस तरह के डॉक्टर और लोगों की समाज को बहुत जरूर है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अशोक जाटव ने बताया डॉ कादिर ने बहुत ही मेहनत व निष्ठा से मरीजों का इलाज किया। स्टाफ की कमी के चलते भी उन्होंने व्यवस्थाओं को जिस तरह से संभाला वह उनकी काबिले तारीफ है।
मरीजों के लिए भगवान
कोरोना संक्रमित मरीज को भी डॉ कादिर के इलाज करने से फायदा पहुंचा है। उनसे इलाज कराए एक मरीज का कहना है कि संक्रमण के समय डॉक्टर कादिर न केवल दवा से बल्कि मानसिक रुप से सशक्त बनाने का काम करते हैं, जिससे अंदर का डर कहीं भाग जाता है। और मरीज खुद ब खुद ठीक होने लगता है।
इसी तरह कोरोना संक्रमित एक और मरीज ने कहा कि जब संक्रमण हुआ तब डॉ कादिर से संपर्क हुआ उस समय मैं मानसिक रुप से बुरी तरह से अंदर से टूट चुका था और मैं कोरोना ग्रस्त होने के कारण इतना डरा हुआ था लेकिन डॉक्टर ने मेरी सोच को सकारात्मक बनाया और मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद की।
यूपी के हर जिले में कोरोना का संक्रमण बुरी तरह फैल चुका है। ज्याद से ज्यादा लोगों को संक्रमण फैलने लगा है ऐसी घड़ी में भी डॉ कादिर जैसे लोग असली हीरो है जो इंसानियत को सबसे ऊपर रखकर काम कर रहे हैं , जो लोगों में जीने की चाह और कोरोना से लड़ने का बल दे रहा है।