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एरच बांध: सस्पेंड किए गए अधिशासी अभियंता, रिटायर हो चुके इंजीनियरों पर भी गिरेगी गाज
लखनऊ: ललितपुर स्थित एरच बांध के निर्माण कामों की जांच की आंच कई इंजीनियरों पर गिरी है। बांध की जांच में कई गड़बड़ियां पायी गई हैं। इसमें तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, आलोक सिन्हा, सिचाई निर्माण खण्ड मऊरानीपुर दोषी पाए गए हैं। उन्हें निलम्बित कर दिया गया है।
तीन सदस्यीय समिति से कराई गयी जांच
एरच बांध परियोजना की जांच एके सिंह मुख्य अभियन्ता बरेली, एस.के.शर्मा मुख्य अभियन्ता गंगा मेरठ और राजपाल सिंह अधीक्षण अभियन्ता अनुश्रवण प्रकोष्ठ मुख्यालय लखनऊ की तीन सदस्यीय समिति बनाकर करायी गयी।
रिटायर हो चुके इन इंजीनियरों पर भी होगी कार्रवाई
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक दोषी पाये जाने पर रिटायर हो चुके विनय कुमार श्रीवास्तव तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, सिचाई निर्माण खण्ड-2, ललितपुर, तत्कालीन मुख्य अभियन्ता, (बेतवा परियोजना), झांसी, तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता, सिचाई निर्माण मण्डल, महोबा, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, सिचाई निर्माण खण्ड मऊरानीपुर के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। अजित कुमार मेहरोत्रा, तत्कालीन सहायक अभियन्ता, सिचाई निर्माण खण्ड, मऊरानीपुर के खिलाफ भी अनुशासनिक कार्यवाही होगी।
जांच में पायी गई यह गड़बड़ियां
जांच रिपोर्ट में पाया गया कि परियोजना की लागत में अनावश्यक वृद्धि हुयी।
ठेकेदार को खुदायी से प्राप्त राॅक को अनियमित रूप से निर्गत किया गया।
सर्वेक्षण, परीक्षण के कार्य अनुबन्ध से पूर्व नहीं कराया गया।
राजकोष में अधिष्ठान व्यय/सेंटेज चार्जेज जमा नहीं किया गया।
ठेकेदार को अनियमित रूप से अग्रिम भुगतान किया गया।
मौदहा बांध पर वृक्षारोपण कार्य अनियमित रूप से पास किया जाना।
वन व ग्राम समाज की भूमि की उपलब्धता के बिना ही कार्य शुरू करा दिया गया।
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