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काबिले तारीफ़! बोर्ड परीक्षाओं का डर दूर करने के लिए मनाया जायेगा परीक्षा पर्व

हर साल बोर्ड परीक्षाओं के बाद परीक्षाओं के दबाव व तनाव के कारण कई विद्यार्थी आत्महत्या तक कर लेते है। इसका संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पूरे देश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में परीक्षा पर्व आयोजित करने की तैयारी में है।

SK Gautam
Published on: 14 Jan 2020 4:23 PM GMT
काबिले तारीफ़! बोर्ड परीक्षाओं का डर दूर करने के लिए मनाया जायेगा परीक्षा पर्व
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: बोर्ड परीक्षाओं की तारीखें घोषित हो चुकी हैं। ऐसे में जिन बच्चों का कोर्स नहीं पूरा हो पाया है, उनमे तनाव बढ़ने लगा है। ऐसे बच्चे रात-दिन अपना कोर्स पूरा करने में जुटे हुए है लेकिन इससे उनकी मानसिक व शारीरिक सेहत पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है। हर साल बोर्ड परीक्षाओं के बाद परीक्षाओं के दबाव व तनाव के कारण कई विद्यार्थी आत्महत्या तक कर लेते है। इसका संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग पूरे देश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में परीक्षा पर्व आयोजित करने की तैयारी में है। यूपी में भी परीक्षा पर्व मनाने की तैयारी चल रही है।

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सभी परीक्षार्थियों की काउंसलिंग की जायेगी

आयोग द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस परीक्षा पर्व के लिए यूपी के सभी जिलों में बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए एक विशेष सत्र आयोजित किया जायेगा। जिसमे सभी परीक्षार्थियों की काउंसलिंग की जायेगी और परीक्षार्थियों को परीक्षा को एक उत्सव या पर्व की तरह मनाने का तरीका बताया जायेगा। इसके लिए हर काउंसलिंग में एक मनोवैज्ञानिक, शिक्षकों के साथ बोर्ड परीक्षार्थियों को बिना दबाव या तनाव के परीक्षा के तरीके बतायेंगे।

इस सत्र में बच्चों के अभिभावकों को भी शमिल किया जायेगा और उन्हे हिदायत दी जायेगी कि वह बच्चों पर ज्यादा अंकों के लिए दबाव न बनाये। इसके साथ ही अभिभावकों को डिप्रेशन में जाने के लक्षण भी बताये जायेंगे, जिससे वह बच्चे के डिप्रेशन में जाने को समय रहते पता लगा सकें और उसका इलाज करा सकें।

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यूपी के सभी जिलों में 20 जनवरी से परीक्षार्थियों की होगी काउंसलिंग

उप्र. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य शुचिता चर्तुवेदी ने बताया कि परीक्षा पर्व का कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का कार्यक्रम है और यह आगामी 20 जनवरी से पूरे देश में शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यूपी में इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है। सभी जिलों के जिलाधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में पत्र भेजे जा चुके है।

मनोवैज्ञानिकों के साथ शिक्षक करेंगे काउंसलिंग

शुचिता बताती है कि बच्चों में परीक्षा शब्द से ही एक तरह का डर पैदा हो जाता है। परीक्षा में कौन से सवाल आयेंगे, उनका जवाब वह दे पायेंगे या नहीं, जैसी अनेक आशंकाए बच्चो के दिमाग में आनी शुरू हो जाती है। इसके साथ ही आज कंपटीशन के जमाने में बच्चों पर अच्छे अंक लाने का दबाव भी रहता है।

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इससे बच्चों पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है और वह लगातार तनाव में रहते है। परीक्षा में अच्छे अंक लाने की होड़ में बच्चे अपने कोर्स में ही उलझ जाते है। जबकि मनोवैज्ञानिक तथ्य यह है कि बच्चे जितना तनाव रहित रह कर पढ़ाई करेंगे, वह उतना बेहतर प्रदर्शन कर पायेंगे।

SK Gautam

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